नई दिल्ली. ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित होने पर भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को मुंबई के आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा. बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज डिफाल्ट होने के बाद देश छोड़कर फरार विजय माल्या के प्रत्यर्पण केस में वेस्टमिन्सटर मजिस्ट्रेट कोर्ट में 4 दिसंबर से सुनवाई होगी.
माल्या के प्रत्यर्पण मामले पर भारत सरकार की ओर से सीपीएस बहस कर रहा है. लंदन के वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट्स कोर्ट को बताया जाएगा कि कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है और जान को खतरे की माल्या की आशंका भ्रम फैलाने की कोशिश है.
ब्रिटेन की कोर्ट को बताया जाएगा कि भारत में कैदियों की स्थिति दुनिया के किसी भी अन्य देश की तरह ही है. भारत की जेलों में कैदियों के अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं. माल्या के वकील ने कहा था कि फरार कारोबारी का भारत में प्रत्यर्पण किया जाता है तो उनकी जान को खतरा हो सकता है.
बता दें कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, जब माल्या के वकील ने कहा था कि यदि माल्या को भारत प्रत्यर्पित किया जाता है तो उसकी जान को खतरा है. वहां की जेलों में मानवाधिकार का उल्लंघन होता रहा है. इसके बाद वेस्टमिन्सटर कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में माल्या के प्रत्यर्पण की भारत अपील को ठुकरा दिया था. उनका कहना था कि दिल्ली के तिहाड़ जेल में मानवाधिकार का उल्लंघन होता रहा है.
गौरतलब है कि, माल्या ने दो मार्च 2016 को भारत छोड़ दिया था और तब से वह ब्रिटेन में रह रहे हैं. भारत में माल्या की बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस पर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है. इसको लेकर माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला चल रहा है.
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