कोलकाता: पश्चिम बंगाल में नगरपालिका भर्ती में धांधली को लेकर CBI सूबे में कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है। CBI की छापेमारी का विरोध करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार (7 जून) को एक बार फिर से ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे का मुद्दा उठाया। ममता ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ट्रेन हादसे की सच्चाई छिपाने का प्रयास कर रही है। हालाँकि, ये भी गौर करने वाली बात है कि, भर्ती घोटालों की जांच CBI पहले से कर रही है, ये जाँच कोई ट्रेन हादसे के बाद अचानक शुरू नहीं हुई है, ट्रेन हादसे की जांच अलग चल रही है और भर्ती घोटाले की अलग।
सीएम ममता ने कहा कि CBI 2 जून को हुए ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना मामले की छानबीन कर रही है, मगर सच्चाई यह है कि सबूतों को पहले ही हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह इस सदी की सबसे बड़ी घटना है, फिर भी तथ्यों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। हम जानना चाहते हैं कि हादसा क्यों और किस वजह से हुआ? सीएम ममता ने कहा कि CBI अधिकारी ट्रेन हादसे की जांच करने की जगह बंगाल में हैं और लोगों को परेशान करने के लिए कई नगर पालिकाओं और शहरी विकास क्षेत्रों में रेड मार रहे हैं।
सीएम ममता ने आगे कहा कि वे सभी जो दुर्घटना के लिए जिम्मेदार हैं। मैं चाहती हूं कि उन सभी को सजा मिलनी चाहिए। बनर्जी पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नेताजी इंडोर स्टेडियम में बोल रही थीं। यहां बनर्जी ने ओडिशा के बालासोर जिले में हुए हादसे में मारे गए या जख्मी हुए राज्य के लोगों के परिवार वालों को चेक और नियुक्ति पत्र दे दिए। इस दौरान बंगाल सीएम ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर अपनी भड़ास निकाली।
वहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को राज्य की ममता सरकार पर हमला बोला है। शुभेंदु ने मुआवजे का भुगतान करने के लिए एक योजना से फंड डायवर्ट करने का इल्जाम लगाया। जो सरकार ने ट्रेन हादसे के पीड़ितों को दिया है। अधिकारी ने कहा कि ममता समय-समय पर दूसरों के लिए निर्धारित रकम को अनैतिक रूप से क्यों डायवर्ट कर रही हैं? शुभेंदु का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार के इस कृत्य से पश्चिम बंगाल के लाखों भवन निर्माण और अन्य निर्माण श्रमिक वंचित रह जाएंगे।'
शरद पवार बोले- 'जहां से जीत पक्की हो, उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ें पार्टियां'
'कसमें वादे प्यार वफा सब बाते हैं बातों का क्या?', नरोत्तम मिश्रा ने बोला कांग्रेस पर हमला
'राज्य सरकारें राज्यपाल की दया पर नहीं चलेंगी', आखिर क्यों ऐसा बोले झारखंड के गर्वनर?