कोलकाता: जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने जहां संसद में विरोध जताया तो वहीं पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अब इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को पहली बार इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम कश्मीर से धारा 370 हटाने का न तो समर्थन करते हैं और ना ही इसका विरोध करते हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के प्रत्येक बड़े फैसले जैसे नोटबंदी, जीएसटी का विरोध करने वाली ममता बनर्जी इस पूरे प्रकरण में अब तक मौन थी और अब जब उन्होंने बयान दिया भी है तो भी सरकार के फैसले पर ना ही विरोध जताया है ना समर्थन। केंद्र के प्रत्येक बड़े फैसले जैसे नोटबंदी, जीएसटी का विरोध करने वाली ममता बनर्जी ने इस फैसले पर सीधे तौर पर विरोध तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने इशारों में अपने इरादे जाहिर कर दिए है।
ममता ने कहा कि जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को हिरासत में लिया गया है। वे कोई आतंकी नहीं हैं। उन्हें रिहा कर दिया जाना चाहिए। ममता ने कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटाने से पहले सरकार को स्थानीय लोगों से बातचीत करनी चाहिए थी। इस संबंध में फारूक अब्दुल्ला को भी नहीं कुछ नहीं बताया गया। वहीं उनकी पार्टी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि कश्मीर की शांति और खुशहाली को तबाह करने के लिए भाजपा की यह सोची-समझी रणनीति है, पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी। इतना ही नहीं टीएमसी के राज्यसभा सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया और वाकआउट किया।
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