कोलकाता: पश्चिम बंगाल की CM और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी कल यानि कि 3 अगस्त से पांच दिवसीय दौरे पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच रही हैं। इस दौरे में वह पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिलने वाली हैं। इसके साथ ही वो विपक्षी दलों के नेताओं से भी मिलेंगीं। इस बीच बड़ा सवाल ये है कि, ममता, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने का वक़्त मांगती है या नहीं? अगर मांगती है तो क्या कांग्रेस समय देगी या नहीं? इस पर कांग्रेस में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
दरअसल, बंगाल सीएम अपने दिल्ली दौरे में अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। मगर, सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात पर सभी की नज़रें टिकी हुईं हैं। राष्ट्रपति चुनाव में NDA से पहले यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी बना कर ममता ने कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया था। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का नेतृत्व करने वाली ममता बनर्जी ने कांग्रेस को अपने पीछे खड़े होने पर विवश कर दिया था। किन्तु, उपराष्ट्रपति चुनाव में जब कांग्रेस ने नेतृत्व किया, तो ममता ने अलग राह पकड़ ली, जिस पर कांग्रेस ने निशाना साधा और कई गंभीर भी आरोप लगाए।
बता दें कि इससे पहले ममता, कांग्रेस पार्टी के बिना विपक्षी मोर्चे का दम भरती रही हैं। ऐसे में कांग्रेस में ये चर्चा होने लगी है कि, पश्चिम बंगाल में ED की कार्रवाई को लेकर भी ममता प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगी। ऐसे में पीएम, राष्ट्रपति के साथ ही सोनिया से मिलकर सूबे में अपने विरोधियों के निशाने से बचने के लिए राजनितिक संतुलन साध सकती हैं। इसीलिए कांग्रेस के सूत्रों ने बताया है कि, ममता जब तक अपनी सियासी रणनीति में बदलाव नहीं करतीं और कांग्रेस के प्रति अपने रवैये को नहीं बदलती, तब तक उनका सोनिया से मिलना केवल अपना सियासी हित साधना ही होगा। इसलिए पार्टी क्या करें क्या न करें के असमंजस में फंसी हुई है।
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