2019 लोकसभा चुनाव होने हैं और इस समय विपक्षी दलों की एकजुटता में सबसे बड़ी बाधा प्रधानमंत्री उम्मीदवारी बनी हुई है। इस बाधा के बारे में हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बात की। उन्होंने कहा कि उनका मकसद पीएम मोदी को हराना है। बीते कल उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाक़ात भी की और मुलाक़ात के पहले ही उन्होंने कहा की उनकी सबसे पहली प्राथमिकता केंद्र से बीजेपी की सरकार को हटाना है, इसके लिए वह चाहती हैं कि सभी विपक्ष साथ हो जाए।
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ममता बनर्जी ने इस दौरान प्रधानमंत्री पद के बारे में बात की और कहा कि वह कोई नहीं है बल्कि वह तो एक सामन्य कार्यकर्ता है। उन्होंने कहा कि उन्हें एक आम आदमी ही रहने दिया जाए क्योंकि वह चाहती है कि इस बार भाजपा सरकार को जाना चाहिए। ममता का कहना है कि भाजपा सरकार लोगों के साथ अधिकतम राजनीतिक प्रतिशोध और अत्याचार कर रहे हैं। इस वजह से वह चाहती हैं कि सभी को संगठित होकर काम करना चाहिए और प्रधानमंत्री उम्मीदवार के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
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इन सब बातों के बाद ममता बनर्जी ने सोनिया गाँधी और राहुल गांधी से मुलाक़ात की और मुलाक़ात के बाद उन्होंने कहा कि उन्होंने सबसे मिलकर राजनीतिक परिस्थिति पर बातें कि और आगे आने वाले चुनावों में सभी के साथ लड़ने की बात की। आपको पता होगा कि इन दिनों ममता बनर्जी 'फेडरल फ्रंट' के फॉर्मूले पर काम कर रही हैं, ताकि सभी विपक्ष के कर्मचारी, विपक्षी पार्टी एक साथ मिलकर चुनाव लड़े।
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