नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक दिल्ली में चल रही है, जिसमें कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री सम्मिलित हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी इस बैठक में उपस्थित थीं, मगर उन्होंने बैठक के बीच में ही उसे छोड़ दिया। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया तथा उनका माइक बंद कर दिया गया। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है तथा कहा है कि ममता का बोलने का समय पूरा हो चुका था, जिसकी वजह से उनका माइक बंद किया गया।
विपक्षी दलों ने बजट में पक्षपात का आरोप लगाते हुए इस बैठक का बहिष्कार किया है, किन्तु ममता बनर्जी इस बैठक में सम्मिलित हुईं। हालांकि, बैठक के चलते उन्होंने फंड की मांग की, लेकिन उनका माइक बंद कर दिया गया तथा उन्हें सिर्फ 5 मिनट बोलने का वक़्त दिया गया। ममता ने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया तथा कहा कि गैर-एनडीए शासित प्रदेशों के साथ पक्षपात किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने ममता के लगाए गए इन आरोपों को खारिज किया है. सरकार ने कहा कि ममता बनर्जी के किए जा रहे सभी दावे गलत हैं. उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी का माइक समय समाप्त होने पर बंद किया गया था, यहां तक कि वक़्त बताने के लिए बेल भी नहीं बजाई गई थी. आगे उन्होंने बताया कि नाम के आधार पर ममता बनर्जी की बोलने की बारी लंच के बाद आनी थी, मगर पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें स्पीकर के स्थान पर बोलने दिया गया. पश्चिम बंगाल सरकार ने जल्दी बोलने का अनुरोध किया था क्योंकि उन्हें जल्दी वापस लौटना था.
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