कोलकाता: आज शुक्रवार (14 जून) को सोशल मीडिया पर एक महिला का वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें वह तृणमूल कांग्रेस (TMC) के गुंडों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं पर किए गए अत्याचारों के बारे में बता रही है। इस वीडियो को राजनीतिक टिप्पणीकार अभिजीत मजूमदार ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया था। वीडियो में एक हिंदू महिला बंगाली में यह कहते हुए सुनाई दे रही थी, “मेरे पति भाजपा के पोलिंग एजेंट थे। उन्होंने (TMC ने) मेरे पति के खिलाफ (मनगढ़ंत) मामला भी दर्ज कराया था।”
पीड़िता आगे कहती है कि, “वह कल से लापता है। गांव के पुरुष अपने घरों पर नहीं हैं। उन्हें टीएमसी के गुंडों ने ढूंढ़ निकाला और बेरहमी से पीटा।” उन्होंने कहा कि, “जिन लोगों को यह सहना पड़ा, वे जीवन भर के लिए अपंग हो जाएंगे। पुरुषों को बेरहमी से पीटा गया और जमीन पर पटक दिया गया।” महिला ने कहा कि, “कृपया सुनिश्चित करें कि हमारा संदेश ममता बनर्जी तक पहुंचे – हमें जहर (बिश) दे दें, ताकि हम शांति से मर सकें। नहीं तो हम सभी का अपहरण कर लें। हम अब और जीना नहीं चाहते।”
“My husband was BJP’s polling agent. He is missing.
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) June 14, 2024
“They beat up our men so badly they will be crippled for life.
“We are cut off from bare necessities, our children are starving.
“TMC moles in our village are ratting out BJP workers to the goons.
“We plead Mamata Banerjee to… pic.twitter.com/oWzSeq2eSr
उन्होंने कहा कि, “हमारे घर में बच्चे हैं। हमारे घर में खाने को कुछ नहीं है। हम बाजार जाकर अपने बच्चों के मुंह में चावल नहीं डाल सकते। हमारे रहने का मतलब ही क्या है? इससे बेहतर है कि हम मर जाएं।” वहीं, एक अन्य महिला ने बताया कि स्थानीय पुलिस TMC के दलाल के रूप में काम कर रही है और भाजपा कार्यकर्ताओं के पते उजागर कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता में दिख रही महिला पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली गाँव की है।
जब पीड़िता की गवाही के साथ तारीख का मिलान किया जाता है, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि उसका पति इस साल 2 जून से लापता था। दिलचस्प बात यह है कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव का आखिरी चरण 1 जून 2024 को हुआ था। महिला के पति का पता अभी तक नहीं चल पाया है, जो भाजपा का पोलिंग एजेंट था। पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ता हिंसा के डर से लोकसभा चुनाव के बाद घर छोड़कर भाग गए। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद, सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता अपने गांव और घर छोड़कर भाग गए हैं - यह स्थिति 2021 के विधानसभा चुनाव और राज्य में 2023 के पंचायत चुनाव की याद दिलाती है।
सर @narendramodi@PMOIndia@rashtrapatibhvn
— ????????Jitendra pratap singh???????? (@jpsin1) June 5, 2024
चुनाव के बाद टीएमसी के गुंडे बंगाल में भयंकर हिंसा कर रहे हैं बीजेपी के कुछ दफ्तरों को फूके जाने के बाद अब भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले किए जा रहे हैं
भाजपा बंगाल कार्यकर्ताओं के घरों पर
हमले बढ़ते जा रहे हैं।
बैरकपुर नगर… pic.twitter.com/iJnSSABjEJ
शनिवार (8 जून) को सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट में भी इस पलायन की पुष्टि की गई थी। इस मामले के बारे में बात करते हुए, प्रशांत हलदर नाम के एक भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि, "चुनावी सीजन माने आमदेर घोर छरार सीजन (हमारे लिए चुनाव का मौसम मतलब घर से भागने का मौसम)।" बरुईपुर के विद्याधर पल्ली इलाके के निवासी हलदर और उनका परिवार लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के दौरान वोट डालने के बाद घर छोड़कर भाग गए। उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों को एक रिश्तेदार के घर भेज दिया था।
इस बीच, उन्होंने 50 अन्य लोगों के साथ बरुईपुर स्थित भाजपा कार्यालय में शरण ली है। हलदर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, "मुझे 2021 में विधानसभा चुनाव और फिर पिछले साल पंचायत चुनाव के बाद घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। मैं इस साल अप्रैल में घर वापस आ पाया था, लेकिन अब एक बार फिर मैं बेघर हूं। मुझे और मेरे गांव के अन्य कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव से पहले धमकियां मिलीं, लेकिन मैंने फिर भी पार्टी के लिए काम किया। हालांकि, 2 जून को आखिरी चरण के मतदान के बाद मैं घर से निकल गया। बाद में मुझे पता चला कि मेरे घर में तोड़फोड़ की गई है।" बता दें कि 6 जून को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि, अगर आप हिंसा रोकने में नाकाम हैं तो हम केंद्रीय बलों को और अधिक समय तक राज्य में रहने का आदेश दे सकते हैं। हालाँकि, इस पर भाजपा नेता और विधायक सुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि, राज्य में केंद्रीय सुरक्षाबल भी बंगाल पुलिस के आदेश पर ही काम करते हैं और इसलिए वे पीड़ितों की रक्षा नहीं कर पाते, क्योंकि उनकी तैनाती बंगाल पुलिस के आदेश पर ही होती है।
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