अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी, आचार्य सत्येन्द्र दास ने आज शनिवार (13 जनवरी) को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में साधुओं पर हुए निर्मम हमले की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की आलोचना की है। मीडिया से बात करते हुए, पुजारी सत्येंद्र दास ने बंगाल में धार्मिक जुलूसों पर पहले भी हो चुके हमलों भी जिक्र करते हुए कहा कि वहां की मुख्यमंत्री "जब 'भगवा' रंग देखती हैं तो वे क्रोधित हो जाती हैं।'
दास ने आगे कहा कि, 'किसी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मुमताज खान नाम दिया था। बंगाल में पहले भी रामनवमी के जुलूस और अन्य धार्मिक जुलूसों पर भी हमले हो चुके हैं।" उन्होंने कहा कि, "जब वह 'भगवा' रंग देखती हैं, तो उनका गुस्सा भड़क जाता है और यही वजह है कि वह ये हमले करवाती हैं। हमलों की ये घटनाएं बेहद निंदनीय हैं।"
पश्चिम बंगाल में “TMC” से जुड़े अपराधियों ने साधू-संतों को “निर्वस्त्र” कर 'पीटा'
— Sudhir Mishra ???????? (@Sudhir_mish) January 12, 2024
दीदी इतना “अत्याचार” मत करो, संतों की हत्या के बाद उद्धव ठाकरे का हाल देख लो.... ना पार्टी बची ना सत्ता।
क्या बंगाल में हिंदू होना अपराध है? #SaveBengal pic.twitter.com/aAH7nkgf5W
उल्लेखनीय है कि, पुरुलिया जिले में मकर संक्राति के पर्व पर गंगासागर दर्शन करने जा रहे साधुओं के एक समूह को भीड़ द्वारा बेरहमी से पीटे जाने का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसके बाद राज्य की ममता बनर्जी सरकार निशाने पर है, क्योंकि पहले भी कई बार बंगाल में धार्मिक जुलूसों पर हमले हो चुके हैं, ये बात कोलकाता हाई कोर्ट भी कह चुका है। बीते दिनों यहाँ ED और CRPF के जवानों पर हमला हो गया था, जिसका मास्टरमाइंड सत्ताधारी पार्टी TMC का नेता शाहजहां शेख अब भी फरार है। इससे पहले बंगाल में बिहार के एक पुलिस अफसर की हत्या कर दी गई थी, जो किसी मुजरिम को पकड़ने वहां गए थे। पंचायत चुनावों में यहाँ लगभग 50 हत्याएं हुईं थीं और बैलट बॉक्स लूट लिए गए थे। कुल मिलकर कहा जाए, तो बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति दयनीय है।
पुरुलिया में पालघर की तरह घटना
— Shivam Tyagi (@ShivamSanghi12) January 13, 2024
साधु को बुरी तरह पीटा गया बाल पकड़ कर टीएमसी के गुंडे घसीटते रहे
ईडी पर बम बरसाने वाले को टीएमसी बचाएगी और साधुओं को मारेगी ये हाल है बंगाल में….. pic.twitter.com/jlAlN5CpwH
यही कारण है कि, हालिया मामले में ममता सरकार का विरोध तेज हो चुका है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि, 'ममता बनर्जी के शासन में, शाहजहां शेख जैसे आतंकवादी को संरक्षण मिलता है और साधुओं की लिंचिंग की जा रही है। पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है।' वहीं, पुरुलिया के पुलिस अधीक्षक (SP) अविजीत बनर्जी ने बाद में कहा कि गौरांगडीह के नदजीक हुई घटना में 12 संदिग्धों को अरेस्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि, साधु एक वाहन में सफर कर रहे थे। इस दौरान वे पूजा के लिए स्थानीय काली मंदिर जा रही तीन लड़कियों से गंगासागर का रास्ता पुछा। लेकिन, भाषा को लेकर दिक्कत के चलते वहां कुछ गलतफहमियां हो गईं और लड़कियों को लगा कि साधु उनका पीछा कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में साधु-संतों के साथ दुर्व्यवहार किया जाना आम बात है। ऐसी घटनाओं पर मीडिया चुप्पी साध लेती है।
— हम लोग We The People ???????? (@ajaychauhan41) January 13, 2024
दो वर्ष पूर्व नवाद्वीप में VHP के कार्यकर्ताओं ने नवद्वीप पुलिस के साथ मिलकर तीन संतों की जान बचाई थी! पश्चिम बंगाल के नबाद्वीप, बामुपुकुर के मायापुर इलाके में शांतिपूर्ण… pic.twitter.com/BWrvQpTnoq
SP ने बताया कि स्थिति तब और ख़राब हो गई, जब स्थानीय निवासियों को लगा कि साधु लड़कियों को धमका रहे हैं। इसके बाद भीड़ ने साधुओं को पीटना शुरू कर दिया। उनके वाहन में तोड़फोड़ कर दी और एक साधु को नग्न करके पीटा। एसपी बनर्जी ने आश्वासन दिया कि "एक साधु की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। अब तक 12 लोगों को अरेस्ट किया गया है और जांच चल रही है।
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