कोलकाता : पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन से दार्जीलिंग जल रहा है. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक वारदातों से कुछ इलाकों में सड़कों पर सन्नाटा पसरा है. गोरखा जन मुक्ति मोर्चा का आरोप है कि शनिवार की हिंसक झड़प में पुलिस की फायरिंग में तीन लोगों की मौत हुई है, जिसके विरोध में रविवार को काला दिवस मनाने का फ़ैसला किया है. गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के समर्थक दार्जीलिंग की सड़कों पर काली पट्टी बांध कर चौक बाज़ार में इकट्ठा होंगे. इसकी घोषणा जीजेएमएम प्रमुख बिमल गुरंग ने की.
बता दें कि दार्जीलिंग के बिगड़े हालात पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे गहरी साज़िश बताते हुए कहा कि एक दिन में इतने हथियार इकट्ठा नहीं हो सकते. देशी-विदशी पर्यटक दार्जीलिंग के अलग-अलग इलाकों में फंसे हैं. इससे हमारे देश की बदनामी हो रही है. ममता ने कहा कि भले ही मेरे प्राण चले जाएं, लेकिन बंगाल को विभाजित नहीं होने दूंगी. उनके अनुसार इस गुंडागर्दी के पीछे कोई आतंकी दिमाग है. सुराग मिले हैं कि उनके पूर्वोत्तर के भूमिगत विद्रोही समूहों के साथ संबंध हैं. कुछ दूसरे देश भी उनकी मदद कर रहे हैं.
जबकि दूसरी ओर शनिवार को जीजेएम ने पश्चिम बंगाल सरकार के साथ किसी भी तरह की वार्ता से इंकार किया, लेकिन वह केंद्र में भाजपा नीत सरकार के साथ वार्ता करने को तैयार है. जीजेएम के नेता बिनय तमांग ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल सरकार के साथ वार्ता नहीं करेंगे. ममता बनर्जी ने हमें आतंकवादी कहकर हमारा अपमान किया है, जबकि हम अधिकारों और आजादी को लेकर संघर्ष कर रहे हैं.
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