दो कमेटी के बिच उलझ कर रह गया यह मामला, बना तनाव का माहौल

दो कमेटी के बिच उलझ कर रह गया यह मामला, बना तनाव का माहौल
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राजगढ़ से मांगीलाल कुशवाह की रिपोर्ट 

राजगढ़। मध्यप्रदेश के राजगढ़ की शान मालवा के महाराजा हजरत बाबा बदख्शानी दरगाह शरीफ की जहां वक्फ बोर्ड मध्यप्रदेश द्वारा प्रतिवर्ष  10 मार्च को लगने वाले उर्स मुबारक को वक्फबोर्ड द्वारा उर्स निगरानी कमेटी का अइस्थाई चार्ज शफीक गामा की अध्यक्षता में नई कमेटी को उर्स निगरानी एवं मैनेजमेंट का कार्यभार सौंप दिया था। जबकि पूर्व कमेटी द्वारा प्रतिवर्ष की तरह सन 2022 के उर्स मुबारक का कार्य अपनी पूरी क्षमता के साथ पूरा कर लिया गया था। 

10 मार्च 2022 का प्रथम दिन का उर्स भी पूर्व कमेटी की निगरानी में संपन्न हो चुका था लेकिन वहीं भोपाल वक़्फ़बोर्ड द्वारा लिए गए एक निर्णय ने पूर्व एवं नई कमेटी के बीच एक तनाव का माहौल खड़ा कर दिया है, जब पूर्व कमेटी से नई कमेटी ने चार्ज लिया तो नई कमेटी के सदर ने बताया की  पूर्व कमेटी द्वारा चार्ज में भी विलंब किया गया वहीं मेले के दौरान नई कमेटी एवं पूर्व कमेटी के बीच कई बार विवाद की स्थिति भी बनती रही, अब बात यहां तक आ चुकी है कि पूर्व कमेटी के जरिये नई कमेटी पर एक बड़ा आरोप जड़ दिया गया है पूर्व कमेटी ने हजरत बदख्शानी रहमतुल्लाह अलैह के रोजे मुबारक पर लगे कलश को सोने का बताकर उसके साथ छेड़खानी का आरोप नई कमेटी पर लगा दिया है, 

पूर्व कमेटी ने नई कमेटी पर आरोप लगाया है कि मजार पर लगे सोने के कलश के साथ छेड़छाड़ कर उसे हटाकर अन्य धातु का लगा दिया गया है जबकि नई कमेटी के अध्यक्ष श्री शफीक गामा और दरगाह मुतवल्ली श्री मुश्ताक़ रिज़वी ने मीडिया से बात करते हुए कलश से छेड़छाड़ की बात नकारते हुए इसे झूठा आरोप बताते हुए हमें बताया कि मज़ार के गुम्बद पर कभी भी (पूर्व से लेकर वर्तमान तक) सोने का कलश नहीं लगाया गया है, पीढ़ियों से मज़ार पर तांबे का ही कलश लगा हुआ है जिसे हर वर्ष उर्स के मौके पर सुनहरे रंग से रंगवाया जाता रहा है, उन्होंने यह भी कहा कि आप इस बारे में शहर के नागरिक एवं बुजुर्गों से भी पूछ सकते हैं, पूर्व कमेटी के द्वारा इस कलश की शिकायत हेतु उच्च अधिकारियों को शिकायती आवेदन पत्र सौंपें गए हैं। जबकि नई कमेटी एवं दरगाह मुतवल्ली ने मीडिया से रूबरू होकर बताया कि मजार पर जो कलश लगा हुआ था वह तांबे का था और रही बात कलस के साथ छेड़छाड़ की तो इस पर दरगाह मुतवल्ली एवं नई कमेटी के सदर ने बताया कि कलश के ऊपर जो चांद सितारे की आकृति बनी हुई थी 

वह एकदम पुरानी होकर पतली सी हो गई थी जो  हवा के जोर से बार-बार झुक जाया करती थी, इसलिए हमारी कमेटी द्वारा यह निर्णय लिया गया कि सिर्फ इस कलश के ऊपर जो चांद सितारे नुमा आकृति लगी हुई है वह बड़ी बनवाकर लगवा दी जाए ताकि हवा इत्यादि से बार बार टेड़ी होने की परेशानी खत्म हो, बस उसी के मद्देनजर कलश के ऊपर चांद सितारा की आकृति बनी हुई है वह मज़बूत एवं बड़ी साइज में बनवा कर लगाई गई है। रही बात पुराने चांद सितारे की तो वह उर्स कमेटी की निगरानी में सुरक्षित रखी है,जब कभी किसी को देखने की जरूरत पड़े तो नई कमेटी से राफ्ता कायम कर अवलोकन कर सकते हैं। नई कमेटी ने पूर्व कमेटी के समस्त आरोपों को नकारते हुए कहा कि पूर्व कमेटी द्वारा नई कमेटी के ऊपर झूठा आरोप लगाया जा रहा है जिससे कि नई कमेटी के कार्यकाल एवं नई कमेटी द्वारा किए गए कार्य की छवि धूमिल कर , फिर से पुरानी कमेटी दरगाह  पर काबीज होना चाह रही है। सोने के कलश पर कुछ स्थानीय बुजुर्ग लोगों ने हमें बात करते हुए बताया कि मज़ार बाबा बदख्शाँनी पर शुरू से ही तांबे का कलश लगा हुआ है, सोने के कलश वाली  बात बेबुनियाद है। 

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