कोलकाता। असम में नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटीजन्स (एनआरसी) लागू करने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कड़े रुख अख्तियार किए हुए हैं। उन्होंने इस मसले पर कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात भी की और सरकार के खिलाफ जमकर बयानबाजी भी कर रही हैं। लेकिन एनआरसी को लेकर ममता को अपने यह तेवर भारी पड़ गए हैं। उनकी ही पार्टी में इस मसले पर बगावत हो गई और दो नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया।
EDITOR DESK:एनआरसी के जरिए दिल्ली पर ममता की नजर
खबरों के अनुसार, एनआरसी के मुद्दे को लेकर तृणमूल कांग्रेस के दिगंत सौकिया और प्रदीप पचोनी ने पार्टी छोड़ दी है। इन नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी एनआरसी को लेकर फालतू की बातें कर रही हैं। एनआरसी की निंदा कर वह राज्य के लिए मुसीबत खड़ी कर रही हैं। वह इसकी सच्चाई से वाकिफ नहीं है। सौकिया ने कहा कि ममता एनआरसी का विरोध बिना सच्चाई जाने कर रही हैं। वह असम की हकीकत को नहीं जानतीं, इसलिए ऐसा कर रही हैं। उन्होंने पार्टी छोड़ने के पीछे ममता बनर्जी के एनआरसी को लेकर कड़े तेवरों को वजह बताया।
'गृहयुद्ध और रक्तपात' वाले बयान पर ममता के खिलाफ FIR दर्ज
बता दें कि 30 जुलाई को असम में एनआरसी की लिस्ट जारी की गई थी। इसमें 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर हंगामा कर रही हैं। उनका कहना है कि इन 40 लाख लोगों में बंगाल और बिहार के नागरिक भी हैं। इसलिए वह उनके साथ ज्यादती नहीं होने देंगी। गौरतलब है कि असम के बाद पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने को लेकर तो ममता ने सरकार को गृहयुद्ध तक की धमकी डे डाली है।
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