नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि (EPF) जमा पर ब्याज दर को कम करके 8.1 प्रतिशत करने के फैसले का पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने विरोध किया है. ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते हुए इस निर्णय को जनविरोधी तथा मजदूर विरोधी बताया.
वही इसको लेकर ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश में जीत के बाद भाजपा सरकार तुरंत अपना गिफ्ट कार्ड लेकर आई है. केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को बीते 4 दशक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है. यह प्रस्ताव भारतीय जनता पार्टी के असली चेहरे को बेनकाब करता है. यह प्रस्ताव उस वक़्त आया है, जब देश के मध्यम एवं निम्न मध्यम श्रेणी के कामगार तथा कर्मचारी पहले से ही कोरोना महामारी के कारण आर्थिक समस्या से गुजर रहे हैं.'
वही ममता बनर्जी ने एक के पश्चात् एक कई ट्वीट किए. ममता बनर्जी ने आगे कहा, भारतीय जनता पार्टी को जनविरोधी एवं मजदूर विरोधी बताया और कहा कि, 'यह कदम सरासर मजदूर और जन के विरोध में है. यह केंद्र सरकार की उस क्रूर तथा एकतरफा सार्वजनिक नीति को भी उजागर करता है, जो किसानो, मजदूरों एवं मध्यमवर्गीय को नजरअंदाज कर कारोबारियों के हितों की रक्षा करता है. विपक्ष की सभी पार्टियों को संयुक्त तौर पर एकजुट होकर इस काले कानून का विरोध करना होगा.'
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