कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं लेकिन उससे पहले राजनीति ने जोर पकड़ लिया है। ऐसे में ममता बनर्जी किसी भी तरह से BJP को अपने राज्य में कब्जा जमाने नहीं देना चाहती हैं। वहीं वह यह भी जानती हैं कि किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार दबाव में है। अब ऐसे में उन्होंने कृषि कानूनों पर किसानों की मांगे नहीं माने जाने पर देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। जी दरअसल हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट किया है।
14 years ago on 4 Dec 2006, I began my 26 day hunger strike in Kolkata demanding that agricultural land cannot be forcefully acquired. I express my solidarity with all farmers who are protesting against draconian farm bills passed without consultation by Centre#StandWithFarmers
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 4, 2020
अपने ट्वीट में वह लिखती हैं, 'मैं किसानों, उनके जीवन और आजीविका के बारे में बहुत चिंतित हूं। भारत सरकार को किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना चाहिए। अगर ऐसा तुरंत नहीं किया जाता है, तो हम पूरे राज्य और देश में आंदोलन करेंगे। हम इन किसान विरोधी कानूनों का कड़ा विरोध करते हैं।'
इसी के साथ आगे ममता ने कहा कि, 'आप रेलवे, एयर इंडिया, कोयला, बीएसएनएल, बीएचईएल, बैंकों, रक्षा आदि को नहीं बेच सकते। भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अलिखित विघटनकारी और निजीकरण नीति को वापस ले। हमने अल्टीमेटम दिया है। हमें अपने राष्ट्र के खजाने को भाजपा की व्यक्तिगत संपत्ति में बदलने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।' वैसे आज ही उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस आंतरिक रूप से इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बैठक करने वाली है। इस दौरान आवश्यक वस्तु अधिनियम आम लोगों को कैसे प्रभावित कर रहा है इस बारे में चर्चा होगी।
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