कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और अग्निमित्रा पॉल सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के छह नेताओं को "विधानसभा के अंदर अनियंत्रित और अव्यवस्थित व्यवहार" को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित कर दिया गया है। भाजपा नेताओं को विधान सभा के शेष सत्र से निलंबित कर दिया गया, क्योंकि वे विधानसभा भवन के अंदर फर्श पर बैठ गए, नारे लगाए और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा संदेशखाली मुद्दे पर चर्चा की मांग की।
इन नेताओं को राज्य विधानसभा के नियम 348 के तहत निलंबित किया गया है. यह प्रस्ताव पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री सोवन्देब चट्टोपाध्याय द्वारा पेश किया गया और अध्यक्ष द्वारा सदन के समक्ष रखा गया और प्रस्ताव पारित हो गया। विधानसभा से निलंबित होने के बाद सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि, 'भाजपा महिलाओं के सम्मान के लिए आवाज उठाती रहेगी।'' इस बीच, पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की और आरोप लगाया कि एक महिला होने के नाते, वह संदेशखाली हिंसा में आदिवासी महिलाओं की रक्षा करने में विफल रही हैं।
मजूमदार ने कहा कि, ''जिस तरह से संदेशखाली में हिंसा और बलात्कार के मामलों की खबरें आ रही हैं, उससे पता चलता है कि TMC नेता शाहजहां शेख ने वहां गुंडाराज स्थापित कर रखा है और आदिवासी जाति की महिलाओं को पीड़ा पहुंचा रहे हैं। एक महिला होने के नाते, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संदेशखाली में महिलाओं की सुरक्षा करने में विफल रही है।”
संदेशखाली में क्या हो रहा ?
बता दें कि, संदेशखाली इलाके में सैकड़ों कि तादाद में महिलाएं, फरार TMC नेता शाहजहां शेख के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं हैं। उनका कहना है कि शाहजहां शेख और उसके गुंडे उनका यौन शोषण करते हैं, घरों से महिलाओं को उठा ले जाते हैं और मन भरने पर छोड़ जाते हैं। महिलाओं का कहना है कि, यहाँ रेप और गैंगरेप आम बात है। TMC के गुंडे अपनी महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं छोड़ते, उन्हें अकेले मीटिंग में बुलाते हैं, धमकी देते हैं कि नहीं आई तो तुम्हारे पति को मार डालेंगे। प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं का कहना है कि, उन्हें (TMC के गुंडों को) जो भी महिला पसंद आ गई, उसे वो घर से उठा ले जाते हैं और रात भर भोगकर, सुबह घर भेज देते हैं। पश्चिम बंगाल की पुलिस TMC के गुंडों की ढाल बन जाती और पीड़ितों को ही दबाती है।
अब शाहजहां शेख के फरार होने के बाद ये महिलाएं आवाज़ उठाने लगी हैं तो बंगाल पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगा दी है। मीडिया को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है। यहाँ तक कि, गवर्नर जब उन पीड़ित महिलाओं से मिलने जा रहे थे, तो TMC वर्कर्स ने केंद्र सरकार के विरोध के नाम पर उनका काफिला भी रोक दिया।
“बाहर आओ,हम तुम्हारे साथ सामूहिक बलात्कार करेंगे"
— Yogita Bhayana योगिता भयाना (@yogitabhayana) February 12, 2024
भीड़ उसके गेट के पार से उसका हाथ खींचते हुए चिल्लाई वो भी महिला के पति और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में !
पश्चिम बंगाल 24 परगना की यह संदेशखाली है,जहाँ गुंडा शाहजहां शेख का राज चलता है,उसके गुंडे महिलाओं को उठाते… pic.twitter.com/swnAsYgC2T
इस बीच वाम दलों ने आज संदेशखाली में बंद का आह्वान किया है, हालाँकि उन्होंने अपने नेता की गिरफ़्तारी के विरोध में ये बंद बुलाया है। सीवी आनंद बोस सोमवार (12 फ़रवरी) की सुबह कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे और संदेशखाली के रास्ते में अपनी यात्रा शुरू की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि, "मैं केरल में था। जब मैंने संदेशखाली की चौंकाने वाली कहानी सुनी, तो मैंने वहां के स्थानीय लोगों के वास्तविक संदेशों को जानने के लिए केरल का अपना कार्यक्रम छोटा कर दिया।"
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