कोलकाता: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कमर कस ली है। कोलकाता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग में भाजपा की घेराबंदी का पूरा प्लान बनाया गया है। तय हुआ है कि सपा, OBC वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने के लिए जातिगत जनगणना और आरक्षण को मुद्दा बनाएगी। इसी के साथ सपा नेताओं को धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी से दूर रहने की नसीहत भी दी गई है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा और कांग्रेस को एक जैसा बताते हुए अब ममता बनर्जी के साथ ही तीसरे मोर्चे के गठन का इशारा कर दिया है। अखिलेश ने कहा है कि भाजपा से देश को बचाने व लोकतंत्र की मजबूती के लिए भाजपा को मिल कर हराएंगे। कोलकाता में शनिवार (17 मार्च) को आरम्भ हुई सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह संदेश निकला है। सपा जातिगत जनगणना की मांग को जोरशोर से उठाकर भाजपा को घेरने की कोशिश करेगी। कार्यकारिणी की मीटिंग में कई वक्ताओं ने कहा कि किसी धर्म, पुस्तक, संतों व धार्मिक आयोजनों पर कोई बयानबाज़ी न की जाए। मंच पर अखिलेश यादव के साथ किरनमय नंदा, रामगोपाल यादव, जया बच्चन, शिवपाल यादव व अन्य नेता उपस्थित रहे।
हालाँकि, मंच पर स्वामी प्रसाद मौर्य को जगह नहीं दी गई। बता दें कि, श्री राम चरित मानस पर टिप्पणी करते रहने के चलते वह काफी विवादों में हैं। अखिलेश ने उनकी बजाए पार्टी के दिग्गज नेता अवधेश प्रसाद को तरजीह देते हुए मंच पर बिठाया। सपा ने लोकसभा चुनाव में अपने छोटे दल वाले सहयोगियों के साथ मिल कर 80 में 50 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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