कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपूर के अंतर्गत आने वाले कांधी गांव के पास एक युवक ने आर्थिक तंगी के कारण जहरीला पदार्थ खाकर बाजरे के खेत में जान दे दी। पूछताछ में सामने आया कि लॉकडाउन में नौकरी जाने के बाद से युवक मानसिक तनाव में जी रहा था। डेरापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कौरौवा गांव के रहने वाले रामस्वरूप के सबसे छोटे 23 वर्षीय पुत्र गुलशन ने नौकरी चली जाने के बाद से तनाव में रहता था।
आज सुबह गांव के ही प्यारेलाल के बाजरे के खेत के निकट जहर खा लिया। वह वहीं गिर पड़ा और गांव वालों ने उसे देखा तो परिवार वालों को जानकारी दी। परिवार पहुंचा और डॉक्टर के पास ले जाने लगे, लेकिन उसने पहले ही युवक ने दम तोड़ दिया। भाई कपिल ने बताया कि दिवंगत भाई पुखरायां के एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। लॉकडाउन में जॉब गई तो उसके बाद काम न मिलने की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान रहता था।
कपिल ने कहा कई दफा उसे समझाया गया था, किन्तु आर्थिक तंगी से परेशान होकर उसने आज ख़ुदकुशी कर ली। गुरुवार देर शाम वह घर से निकल गया था तब से घर न पहुंचने पर उसकी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। मां रज्जो, पत्नी पुष्पा का रो रो कर बुरा हाल हो था। सूचना के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और स्वजन से पूछताछ की। चौकी इंचार्ज दिग्विजय सिंह ने बताया कि नौकरी न मिलने के कारण तनाव में आकर यह आत्मघाती कदम उठाया है।
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