बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru, Karnataka) में कुछ ऐसा हुआ है जिसके चर्चे तेज हैं। जी दरअसल यहाँ बीते सप्ताह 67 साल के एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। वहीं इस मामले में पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि सेक्स के दौरान उस व्यक्ति की एपिलेप्टिक अटैक (Epileptic Attack) यानी एक तरह का ब्रेन अटैक आया था। जी हाँ और इसी के चलते उसकी मौत हो गई। वहीं उसके बाद उसकी गर्लफ्रेंड ने अपने पति के साथ मिलकर उसकी लाश को प्लास्टिक बैग में भरा और सड़क पर फेंक दिया।
इस मामले को 17 नवंबर 2022 का बताया जा रहा है। बेंगलुरु के जेपी नगर इलाके में एक व्यक्ति का प्लास्टिक के बैग में भरा हुआ शव मिला था। शव के मिलने के बाद में पुलिस ने जाँच में पाया कि 67 साल के यह व्यक्ति कारोबारी है। वहीं उसके कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया है। जी दरअसल पुलिस ने बताया कि कारोबारी के कॉल डिटेल और लोकेशन जाँच करने पर वह महिला के घर पर मिला। हालाँकि, पुलिस ने कारोबारी और उसकी गर्लफ्रेंड की पहचान को उजागर नहीं किया है। अब पुलिस का तर्क है कि मामले की जाँच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। केवल यही नहीं बल्कि पुलिस के अनुसार, रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि महिला का दावा सही है या नहीं।
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जेपी नगर पुलिस का कहना है कि कारोबारी का 35 साल की एक घरेलू महिला के साथ संबंध थे। बीते 16 नवंबर की शाम 5 बजे कारोबारी महिला के घर पहुँचा था। यहाँ दोनों शारीरिक संबंध बनाने लगे लेकिन इसी दौरान कारोबारी की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद महिला घबरा गई और उसने सोचा कि अगर किसी को पता चला तो समाज में उसकी बहुत बदनामी होगी।
वहीं पुलिस की पूछताछ में महिला ने बताया कि कारोबारी की मौत से वह बेहद डर गई थी और उसने अपने पति और भाई को फोन करके बुलाया। उसके बाद इन लोगों ने शव को प्लास्टिक के एक बैग में डाला और जेपी नगर के एक सुनसान इलाके में ले जाकर फेंक दिया। वहीं दूसरी तरफ कारोबारी के घर नहीं पहुँचने पर परिजन परेशान हो गए। पुलिस ने बताया कि कारोबारी अपने घरवालों से बहू के घर जाने की बात कहकर निकला था। परिजनों ने बताया कि जब कारोबारी काफी समय तक घर नहीं लौटा तो परिवार वालों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। परिजनों का यह भी कहना है कि कारोबारी कई तरह की बीमारियों से पीड़ित था और अगस्त में उसका एंजियोग्राम हुआ था।
इस पूरे मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 176 (लोक सेवक को जानकारी देने के लिए कानूनी रूप से बाध्यता में चूक), 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना, या झूठी जानकारी देना) और 202 (सूचित करने के लिए बाध्य व्यक्ति द्वारा अपराध की जानकारी देने में जानबूझकर चूक) के तहत मामला दर्ज किया है।
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