सूरत : आमतौर पर मानव शरीर में चार प्रकार के ब्लड ग्रुप ही ज्ञात हैं. ये हैं ए, बी, ओ एवं एबी, लेकिन गुजरात के सूरत शहर के एक युवक का ब्लड ग्रुप दुनिया में अनोखा है. यह चारों ब्लड ग्रुप से भिन्न होकर दुनिया में इकलौता है. यह युवक न तो किसी को ब्लड डोनेट कर सकता है, न ही किसी का ब्लड ले सकता है. डॉक्टरों ने इस नए ब्लड ग्रुप का नाम INRA रखा है. इसमें पहले दो शब्द इंडिया और बाद के दो शब्द युवक के नाम से लिए गए हैं.
बता दें कि इस ब्लड टेस्ट को सबसे पहले सूरत के लोक समर्पण रक्तदान के डॉक्टरों ने किया. इसमें डॉ. सनमुख जोशी, डॉ. किंजल मेंदपरा और अंकिता शेलडिया शामिल थे. इस अनोखे ब्लड ग्रुप का रक्त नमूना वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) भेजा. यहां उसकी संस्था इंटरनेशनल ब्लड ग्रुप रेफरंस लेबोरेटरी ने भी युवक के ब्लड की जांच की, लेकिन उसका कोई ब्लड ग्रुप नहीं मिला. लेबोरेटरी ने इस नए ब्लड ग्रुप को प्रमाणित किया है. रिसर्च के चलते डॉक्टरों ने युवक की पहचान को अभी छिपा रखा है.
इस बारे में सन्मुख जोशी ने बताया कि हम युवक के ब्लडग्रुप पर अभी कुछ और रिसर्च कर रहे हैं. यह ब्लड क्यों सबसे अलग है..? कैसे बना है..? युवक के फैमली के सभी मेंबर्स के ब्लड की भी जांच कर कर रहे हैं. अभी तक मानव शरीर में चार प्रकार के ब्लड ग्रुप ही ज्ञात हैं ये हैं ए, बी, ओ एवं एबी. युवक के ब्लड को हमने डब्ल्यूएचओ लेबोरेटरी भेजा था. इस लैब में दुनिया में ज्ञात सभी तरह के ब्लड ग्रुप मौजूद हैं. यहां तमाम तरह की जांच की गई, लेकिन इस युवक का ब्लड ग्रुप किसी से मैच नहीं हुआ. लैब ने अपनी जांच के बाद इस बात को स्वीकृति दी है कि यह ब्लड ग्रुप पूरी दुनिया में इकलौता है.
आपको यह भी बता दें कि दुनिया में सात ऐसे रेयर ब्लडग्रुप हैं जो किसी से मैच नहीं करते हैं दुनिया में ऐसे सात व्यक्ति हैं, जिनका ब्लडग्रुप किसी से मैच नहीं करता है. डॉ. सनमुख जोशी बताते हैं ‘इन्हें मेडिकल भाषा में कोलटोल कहते हैं. इनमें से एक इंडिया में है. इसके अलावा बॉम्बे ब्लडग्रुप है जो सात हजार में से किसी एक के पास होता है. ऐसे व्यक्ति को रक्त की जरूरत पड़ने पर काफी मुश्किल होती है.