एक वरिष्ठ पत्रकार और वन्यजीव कार्यकर्ता जयंत के दास द्वारा हाल ही में एक लुप्त हो रहे टोके गेको को बचाया गया है, जो सामान्य तौर पर असम और दूसरे पूर्वोत्तर राज्य में पाया जाता है और उन्होंने इस घटना के बारे में ट्वीट किया है और साथ ही शिकारियों से बचने वाली छिपकली की तस्वीर भी साझा की गई है.
बता दें कि हाल ही में उन्होंने ट्वीट किया है कि सरीसृप को अवैध शिकारियों से लड़ने के बाद उनके चंगुल से छुड़ाया गया है और साथ ही उन्होंने ट्वीट कर यह दावा किया है कि शिकारी उन्हें 20 लाख रुपये की घूस दे रहे थे, हालांकि वह उस जगह से भागने में सफल रहे थे.
जयंत द्वारा सोशल मीडिया पर लिखा गया है कि उन्हें पैसे खोने का कोई पछतावा नहीं है, बल्कि एक सरीसृप को बचाने पर गर्व महसूस हो रहा है. आपको जानकारी के लिए बता दें कि चीन और कोरिया के बाजारों में गेको के दाम बहुत ही ज्यादा हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उनका मानना है कि यह एचआईवी बीमारी ठीक कर सकता है. गेको की एक तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने लिखा है कि मेरी हथेली पर सुंदर उंगलियां. अवैध शिकारियों से लड़ने के बाद इस लुप्तप्राय सरीसृप को बचाया. मैंने गेको को जंगल में छोड़ दिया.
जयंत ने आगे इस पर कहा कि गेको असम और पूर्वोत्तर में पाए जाने वाले लुप्तप्राय टोके गेको की एक प्रजाति है और इन्हें करीब 14 करोड़ 45 लाख रुपये में खरीदते हैं. ज्यादातर चीन, कोरिया के अरबपतियों द्वारा ये प्राणी खरीदे जाते रहते हैं और ये लोग मानते हैं कि इसकी जीभ से बनी दवाई से एचआईवी तक भी ठीक हो सकता है.अब इस शख्स की जमकर सोशल मीडिया पर तारीफें हो रही है.
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