लंदन: ब्रिटेन में मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ‘मैनचेस्टर कैथेड्रल’के बाहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ एक मुहीम शुरू की है. स्थानीय अधिकारियों ने गांधी की मूर्ति लगाए जाने को स्वीकृति दे दी है. यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ‘‘गांधी मस्ट फॉल’’अभियान शुरू किया है. यूनिवर्सिटी के छात्र संघ ने मैनचेस्टर नगर परिषद को एक खुले खत में शहर के बीचोंबीच महात्मा गांधी की नौ फुट ऊंची कांसे की प्रतिमा लगाए जाने के निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है.
मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के छात्र द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक पत्र में महात्मा गांधी को, "एंटी-ब्लैक नस्लवादी," बताया गया है. इस पत्र में मैनचेस्टर कैथेड्रल के बाहर 25 नवंबर को प्रतिमा स्थापना को ख़ारिज करने के लिए मैनचेस्टर सिटी काउंसिल से कहा गया है. छात्रों का इल्जाम है कि अफ्रीका में ब्रिटिश शासन की कार्रवाइयों में महात्मा गांधी की सहभागिता थी. पत्र में कहा गया है कि गांधी ने अपनी कुछ टिप्पणियों में अफ्रीकियों को, ‘असभ्य’ ‘आधे-अधूरे मूल निवासी’, ‘जंगली’, ‘गंदे’ और ‘पशु जैसे’ शब्दों से संदर्भित किया था.
गांधी की यह प्रतिमा अगले महीने स्थापित होने वाली है और इसके शिल्पकार राम वी सुतार हैं. संयोग से यह गांधी का 150वीं जयंती का साल भी है. छात्र संघ की लिबरेशन एवं एक्सेस अधिकारी सारा खान ने नगर परिषद से इजाजत वापस लेने की मांग की है. वहीं, परिषद के प्रवक्ता ने कहा है कि गांधी की प्रतिमा लगाने का मुख्य उद्देश्य शांति, प्यार और भाईचारे के उनके संदेश का प्रसार करना है.
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