भोपाल : किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर जिले में हुए गोलीकांड और उसमें पांच किसानों के मारे जाने के बाद बुधवार को सरकार ने मंदसौर के तत्कालीन कलेक्टर और एसपी को निलंबित कर दिया है. किसान आंदोलन के दौरान इन दोनों अधिकारियों की भूमिका से सरकार नाराज थी, क्योंकि यह किसानों के आक्रोश को नियंत्रित नहीं कर पाए थे.
उल्लेखनीय है कि बुधवार शाम जारी किये गए आदेश से मंदसौर के पूर्व कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक ओपी त्रिपाठी को सरकार ने निलंबित कर दिया है.पुलिस द्वारा गोली चालन के बाद सरकार को वास्तविक तथ्य से अवगत नहीं कराने और सरकार को अंधेरे में रखने की इन दोनों अधिकारियों को सजा मिली है. हालाँकि फायरिंग के दूसरे दिन कलेक्टर और एसपी का तबादला कर मामले की जांच के लिये एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया गया जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा.
स्मरण रहे कि जून के पहले हफ्ते में मध्य प्रदेश के मंदसौर में कर्जमाफी और फसलों की उचित मांग को लेकर किसानों ने जगह-जगह उग्र प्रदर्शन किया था. पुलिस ने फायरिंग भी की थी. मध्य प्रदेश सरकार ने पहले तो इस बात से इनकार कर दिया था कि मंदसौर में पांच किसानों की मौत पुलिस की फायरिंग से हुई. बाद में 6 जून को राज्य सरकार ने माना कि किसानों की मौत पुलिस फायरिंग में ही हुई. दरअसल इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर और एसपी ने सरकार को गलत सूचना दी थी. इस कारण गृह मंत्री को गोली चालन को लेकर दो बार अपने बयान बदलने पड़े थे जिससे किसान तो भड़के ही सरकार की भी खूब किरकिरी हुई थीं.
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