फिलीपींस: पिछले कई दिनों से लोगों में आपदा को लेकर डर दढ़ता ही जा रहा है और आज के समय में हर कोई इस बात से परेशान ही है कि वह आखिर करें तो क्या करें फिर भी कोई न कोई इस बात कि खबर सामने ही जाती है जो फिर से डरा देती है वहीं भूकंप के झटकों के बीच करीब ढाई हजार फीट से भी अधिक ऊंचा उठता धुआं, धमाकों के बीच आए भूकंप के झटके, हवा में फैलती चारों तरफ गरम राख और इसकी दहशत से भागते हुए लोग. ये नजारा फिलीपींस के मनीला का है. इन सभी तस्वीरों के पीछे है यहां का बेरहम ताल ज्वालामुखी,जो चार दशक बाद फिर आग उगल रहा है. इतिहास गवाह है कि जब-जब ये ज्वालामुखी फटा है, कई जिंदगियां इसकी भेंट चढ़ी हैं. इसकी वजह से मनीला के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है.
दर्दनाक इतिहास: सूत्रों से इस बात कि जानकारी मिली है कि इसका इतिहास बेहद दर्दनाक रहा है. कहने को तो ये दुनिया के सबसे छोटे ज्वालामुखियों में शामिल किया जाता है लेकिन 1911 में इस ज्वालामुखी का सबसे उग्र रूप देखने को मिला था. उस वक्त 1300 से ज्यादा जिंदगी इसकी भेंट चढ़ गई थीं. 1756 में इसकी दहशत में यहां के लोगों ने छह माह गुजारे थे. रह-रहकर इस ज्वालामुखी से गरम राख निकलती रही थी. इसकी चपेट में काफी बड़ा इलाका आया था.
ताल की दहशत: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि 1965 में भी ज्वालामुखी के फटने से 190 लोगों की मौत हो गई थी. जंहा दशकों से ये ज्वालामुखी अपनी इस राख और लावा से यहां के लोगों का जीवन नरक बनाए हुए है. वहीं सन 1966, 1967,1968, 1977 में भी इस ज्वालामुखी में धमाके हो चुके हैं. वर्तमान में भी इसकी वजह से दस हजार लोग दहशत के साए में हैं.
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