इंफाल : विधानसभा चुनाव 2017 के चुनाव परिणाम सामने आ चुके है. जहां उत्तरप्रदेश में प्रचंड बहुमत हांसिल कर बीजेपी ने रेकॉर्ड तोड़ जीत हांसिल की वही उत्तराखंड में भी भाजपा सरकार काबिज हुई है. इसके अलावा अगर बात करे मणिपुर विधानसभा चुनाव के नतीजों की तो भाजपा के मत प्रतिशत में करीब 20 गुना की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, वही पिछले चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने वाली ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस के मत प्रतिशत में भारी गिरावट आई है. अगर भाजपा किसी दल से समर्थन हांसिल कर लेती है तो मणिपुर में बीजेपी सत्ता पर काबिज हो सकती है.
भाजपा को इस चुनाव में 36.6 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि 2012 के चुनावों में उसे सिर्फ 2.12 फीसद वोट प्राप्त हुए थे. सत्तारूढ़ कांग्रेस के मत प्रतिशत में पिछले चुनावों के मुकाबले करीब साढ़े सात प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. पार्टी को 2012 में 42.42 प्रतिशत मत मिले थे, लेकिन इस बार उसे 35.1 फीसदी मत मिले हैं. उल्लेखनीय तथ्य यह है कि चुनावों में सत्तारूढ़ दल के मुकाबले करीब डेढ़ प्रतिशत ज्यादा मत पाने के बावजूद भाजपा को कांग्रेस से सात सीटें कम मिली हैं. वर्ष 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में 7.23 प्रतिशत मत पाने वाली एनसीपी को इस बार महज एक फीसदी वोट मिले हैं.
वहीं दूसरी और अप्रत्याशित रूप से रामविलास पासवान की नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी ने राज्य में एक सीट पर जीत हांसिल की है. पार्टी को करीब ढ़ाई प्रतिशत मत मिले है, जबकि पिछले चुनाव में पार्टी को महज 0.55 फीसदी मत मिले थे. प्रदेश में चुनाव लड़ रहे 12 दलों में से भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य कोई भी पार्टी मत-प्रतिशत दहाई के आंकड़े को पार नही कर सकी. राज्य में कई वोटरों ने किसी पार्टी को वोट देने के बजाय नोटा का बटन दबाया है. राज्य में नोटा को 0.5 फीसदी वोट मिले हैं. जानकारी के मुताबिक 9,062 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है.
मणिपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी के आगे रहने की प्रबल सम्भावना