नई दिल्ली: भारत में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान के बाद रेवड़ी कल्चर को लेकर जंग छिड़ गई है। यहां तक कि अब यह मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है तथा कोर्ट ने इसे लेकर कड़ी टिप्पणी की है। वहीं दिल्ली की आप सरकार कल्याणकारी योजनाओं को रेवड़ी कल्चर का नाम देने से नाराज है तथा निरंतर इस मसले पर केंद्र सरकार को घेर रही है। पार्टी के नेता एवं दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर विकास के नाम पर भ्रम फैलाने का इल्जाम लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने कुछ दोस्तों को लाभ पहुंचाने के लिए देश में निजी संस्थानों को बढ़ावा दे रही है जो कि निर्धन आदमी की पहुंच से बाहर हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा आम जनता को निजी चिकित्सालयों ईवा, विद्यालयों में जाने को मजूबर करती है क्योंकि इनमें से अधिकतर पार्टी के दोस्तों से ताल्लुक रखते हैं। एक बार जब निधन आदमी इन निजी संस्थानों का खर्च उठाने में असफल हो जाता है तो फिर इनके दरवाजे निर्धनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं। मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश में दो प्रकार के मॉडल काम कर रहे हैं तथा केंद्र सरकार ने विकास के नाम पर भ्रम फैलाया है। साथ ही रेवड़ी बोलकर मजाक उड़ाया जा रहा है, इनकी नीतियों से आम जनता बुरी तरह से त्रस्त है।
मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा ने ‘दोस्तवादी’ मॉडल से अपने मित्रों का करोड़ों रुपये का कर्ज माफ किया मगर आम आदमी को स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी सुविधाओं से वंचित किया गया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह कहकर जनता को डराने का प्रयास किया है कि जनता के कल्याण पर सरकारी रुपया खर्च करने से देश बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुफ्त योजनाएं चलाने के बाद भी दिल्ली सरकार का राजस्व अधिक है जबकि भाजपा शासित प्रदेशों की सरकारें घाटे में चल रही हैं।
फरमानी नाज के समर्थन में आए राकेश टिकैत, जानिए क्या कहा?
फुटपाथ पर बेसुध हालत में पड़ी मिलीं परीक्षा देने गई लड़कियां, सामने आई चौंकाने वाली वजह
शिवसेना को एक और झटका देने की तैयारी में BJP, चंद्रशेखर को सौंपी महाराष्ट्र की कमान