नई दिल्ली: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आज प्रेस वार्ता करते हुए नई शराब नीति को लेकर CBI जांच कराने की बात कही है। उन्होंने प्रेस वार्ता में दिल्ली सरकार की नई शराब नीति को लेकर बड़ा इल्जाम लगाया है। सिसोदिया ने कहा है कि नई शराब नीति को निरस्त करने का फैसला उपराज्यपाल (LG) ने बिना कैबिनेट से चर्चा किए बदल दिया। इससे दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
डिप्टी सीएम सिसोदिया ने बताया कि नई शराब नीति को LG की स्वीकृति के बाद ही लागू किया गया था। हम इस मामले की CBI जांच की मांग करते हैं। AAP नेता ने आगे कहा कि, 'CBI को मैंने डिटेल भेजी है कि वो जांच करें कि किस प्रकार से सरकार की पास पॉलिसी में फेरबदल कर कुछ लोगों को लाभ पहुंचाया। इस मामले की जांच के लिए CBI को डाक्यूमेंट्स भेज रहा हूं। LG फैसले से सरकार को हजारों करोड़ों का घाटा और दुकानदारों को लाभ हुआ।' उन्होंने कहा कि, '2021 की नई आबकारी नीति में हमने कहा था कि 849 दुकानों को ही रखा जाएगा, मगर उनकी वितरण समान तरीके से रखा जाएगा। मई 2021 में कैबिनेट ने यह नीति पास की, उसके बाद LG ने कुछ सुझाव दिए, उनको भी शामिल किए और कहा गया कि दिल्ली में दुकानों की तादाद नहीं बढ़ाई जाएगी, मगर, पूरी दिल्ली में समान रुप से रखा जाएगा, जिनमें अवैध कालोनियां थी।
सिसोदिया बोले कि, LG साहब ने दो बार बगैर किसी आपत्ति के पास किया, किन्तु जब नवंबर 2021 को दूकानों को खोलने का प्रस्ताव भेजा तो 17 नवंबर से दूकानों को खोला जाना था, मगर 2 दिन पहले यानी 15 नवंबर को LG साहब ने नई शर्त जोड़ी की अनऑथराइज इलाकों में MCD और DDA से अनुमति ले ली जाए, जबकि वो पहले भी इजाजत देते रहे हैं। बता दें कि, कुछ दिन पहले जब LG ने दिल्ली सरकार की नई शराब नीति के खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए थे, तब अरविन्द केजरीवाल सरकार ने वापस पुरानी आबकारी नीति लागू करने की घोषणा कर दी थी और अब AAP सरकार खुद CBI जांच कर रही है।
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