नई दिल्ली: भारत के सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया द्वारा दायर याचिका पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब मांगा है। सिसोदिया ने अपनी जमानत शर्तों में संशोधन करने की अपील की है। उनकी मांग है कि उन्हें हर सप्ताह दो बार जांच अधिकारियों के सामने पेश होना पड़े, जो कि उनकी मौजूदा जमानत शर्तों में निर्धारित नहीं है।
दरअसल, अगले कुछ महीनों में दिल्ली में विधानसभा का चुनाव होना है, जिसके लिए आम आदमी पार्टी (AAP) जोर शोर से लगी हुई है, पार्टी सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल ने ऐलान कर दिया है कि अब वे तभी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे जब दिल्ली की जनता उन्हें वापस चुनकर भेजेगी। ये एक तरह से उनके लिए जनता की अदालत का फैसला होगा कि वे शराब घोटाले में गुनहगार हैं या बेकसूर। इसी तरह सिसोदिया भी शराब घोटाले में फंसे हैं और उन्होंने भी अपना पद छोड़कर केजरीवाल का अनुसरण किया है। अब दोनों नेता प्रचार में व्यस्त हैं और सिसोदिया चाहते हैं कि अब उनकी जांच पेशी में कम समय लगे, ताकि वे प्रचार पर फोकस कर सकें, इसीलिए वे जमानत की शर्तें बदलवाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया और सीबीआई तथा ईडी से जवाब देने के लिए समय दिया। अदालत ने इस याचिका पर आगे की सुनवाई दो हफ्ते बाद तय की है। सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जांच चल रही है, और इसी कारण उनकी जमानत शर्तों को लेकर यह मामला सामने आया है।
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