नई दिल्ली: राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की हिरासत अवधि 7 मई, 2024 तक बढ़ा दी गई है। उनकी माँग है कि फ़िलहाल उन पर आरोप निर्धारित नहीं किए जाएँ। इस याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने जाँच अफसरों से जवाब माँगा है। वहीं दलील पूरी होते ही मनीष सिसोदिया के अधिवक्ता अदालत से बाहर चले गए, जिस पर जज ने जताई तथा कहा कि ऐसा उन्होंने पहली बार देखा है। इस पर अधिवक्ता ने माफ़ी माँगते हुए कहा कि हमें वॉकआउट नहीं करना चाहिए था।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि तहकीकात अभी तक चल ही रही है। हालाँकि, CBI ने इसका विरोध किया। याचिका में बताया गया कि स्वयं IO ने 4 महीने के अंदर जाँच पूरी करने की बात कही थी, किन्तु अब तक तहकीकात चल ही रही है। कहा गया कि अदालत के आदेश के पश्चात् गिरफ़्तारी हुई तथा बयान दर्ज किया गया, ऐसे में अभी चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई आरम्भ नहीं होनी चाहिए। वहीं CBI ने कहा कि अब तक जितनी चार्जशीट दाखिल हुई है उस पर हम बहस करेंगे।
हालाँकि, अदालत ने कहा कि अभी तक याचिका की प्रति उस तक नहीं पहुँची है। मनीष सिसोदिया को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही बुधवार (24 अप्रैल, 2024) को पेश किया गया। अदालत ने इसके चलते मनीष सिसोदिया के अधिवक्ता से इस बात को लेकर नाराज़गी जताई कि वो बिना अनुमति लिए बाहर निकल गए थे। अदालत ने कहा कि हमने तो बाहर जाने के लिए कहा ही नहीं था। उधर सीएम अरविंद केजरीवाल एवं BRS नेता K कविता की हिरासत अवधि भी 7 मई तक बढ़ाई जा चुकी है।
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