नई दिल्ली: आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी को पत्र लिखकर मज्जाबी सिखों को आरक्षण दिए जाने का अनुरोध किया है।
तिवारी ने 8 नवंबर को पत्र में लिखा है, "मैं पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी से अनुरोध कर रहा हूं कि कृपया यह सुनिश्चित करें कि 1975 में 22 प्रतिशत में से मजहाबी सिखों और बाल्मीकिस को दिए गए 50 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखा जाए जब यह मामला उच्चतम न्यायालय की 7 या 9 न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष आता है । मामला 1975 पंजाब सरकार के उस सर्कुलर का है जिसमें कहा गया है कि मझाबबी सिखों और बाल्मीकि को अनुसूचित जाति की 22 प्रतिशत आरक्षित श्रेणी में से 50 प्रतिशत कोटा दिया जाएगा ।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 2006 में सर्कुलर को खारिज कर दिया और सुप्रीम कोर्ट ने 2008 में एक एसएलपी खारिज कर दी। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच में लंबित है।
चन्नी अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं, इसलिए कांग्रेस सांसद चाहते हैं कि स्थिति को गंभीरता से संभाला जाए। प्रदेश में अनुसूचित जातियों की देश की सबसे बड़ी आबादी है। हालांकि तिवारी के इस मामले को उठाने का पंजाब चुनाव से पहले राजनीतिक असर पड़ा है, जब कांग्रेस दलित मतदाताओं के बीच वोट हासिल करने की उम्मीद कर रही है। बीएसएफ की समस्या और राज्य के महाधिवक्ता के निष्कासन पर राज्य के कांग्रेस सांसद ने नए मुख्यमंत्री की आलोचना की है।
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