नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज प्रातः 11 बजे आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) प्रोग्राम का संबोधन शुरू कर दिया है। प्रत्येक महीने की भांति इस बार के प्रोग्राम के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी ने आम जनता से उनके सुझाव और शिकायतें मांगी थीं। लोगों ने भारी आँकड़े में अपनी शिकायतें-सुझाव सोशल मीडिया के जरिए पेश किए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आयुष उद्योग (Ayush Industry) का बाजार भी निरंतर बड़ा हो रहा है। 6 वर्ष पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपये के आसपास का था। आज आयुष विनिर्माण उद्योग (Ayush Manufacturing Industry) एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य का सीधा रिश्ता स्वच्छता से जुड़ा है। महाराष्ट्र के नासिक में रहने वाले स्वच्छाग्रही चंद्रकिशोर पाटिल जी। इसी प्रकार, एक और स्वच्छाग्रही उड़ीसा में पुरी के राहुल महाराणा हैं। राहुल प्रत्येक रविवार को प्रातः-प्रातः पुरी में तीर्थ स्थलों के पास जाते हैं तथा वहां प्लास्टिक कचरा साफ करते हैं। वो अब तक सैकड़ों किलो से प्लास्टिक का कचरा तथा गंदगी साफ कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं तो उस प्रदेश से आता हूं। जहां पानी की हमेशा बहुत कमी रही है। गुजरात में इन बावड़ी (Stepwells) को वाव बोलते हैं। गुजरात जैसे प्रदेश में वाव का बड़ा किरदार रहा है। इन कुओं या बावड़ियों के संरक्षण के लिए ‘जल मंदिर योजना’ ने बहुत बड़ा किरदार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चेक डैम (Check Dam) बनाने हों, वर्षा के पानी का संग्रहण हो, इसमें व्यक्तिगत कोशिश भी महत्वपूर्ण हैं तथा सामूहिक कोशिश भी आवश्यक हैं। जैसे आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे देश के प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ की एक खूबसूरती ये भी है कि मुझे आपके संदेश एवं सुझाव बहुत सी भाषाओं, बहुत सी बोलियों में मिलते हैं। भारत की संस्कृति, हमारी भाषाओं, हमारी बोलियां, हमारे रहन-सहन, खान-पान का विस्तार, ये सभी विविधताएं हमारी बहुत बड़ी ताकत हैं।
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