मन्ना डे के नाम दर्ज है 4,000 हजार गानों का रिकार्ड, जानें जीवन के रोचक तथ्य

मन्ना डे के नाम दर्ज है 4,000 हजार गानों का रिकार्ड, जानें जीवन के रोचक तथ्य
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आज यानी 1 मई को मन्ना डे अपना जन्मदिन मना रहे है. इस खास मौके पर मन्ना डे के जीवन से जुड़ी अहम जानकारी उपलब्ध कराने वाले है. बता दे कि 24 अक्टूबर 2013 के दिन को हमेशा याद रखा जाएगा, क्योंकि इस दिन भारत ने अपने बेहतरीन पार्श्व गायकों में से एक महान पार्श्व गायक मन्ना डे को खो दिया था. मन्ना डे ने अपने लंबे और अनुकरणीय कैरियर के दौरान, 4,000 हजार गानों का आश्चर्यजनक रिकॉर्ड बनाया. मन्ना डे ने भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री (1971) सहित, कई अन्य प्रमुख पुरस्कार प्राप्त किए थे.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि प्रबोध चंद्र डे, जिन्हें “मन्ना डे” के नाम से जाना जाता है, का जन्म 1 मई 1919 को पूर्वी कोलकाता में महामाया डे और पूर्ण चन्द्र के यहाँ हुआ था. मन्ना डे ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एक छोटे से पूर्व-प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की थी, बाद में वह स्कॉटिश चर्च कॉलेजिएट स्कूल और स्काटिश चर्च कॉलेज चले गए और विद्यासागर कॉलेज से स्नातक किया. विद्यासागर कॉलेज का नाम बंगाल के प्रसिद्ध समाज सुधारक, ईश्वर चंद्र विद्यासागर के नाम पर रखा गया है. बता दे कि अपने स्कूल के दिनों में, मन्ना डे केवल मनोरंजन के लिए गाना गाते थे. जब मन्ना डे ने अपने चाचा कृष्ण चंद्र डे और एक प्रसिद्ध वीणा वादक उस्ताद दबीर खान के साथ अभ्यास करना शुरू किया, तब से मन्ना डे अपने गाना गाने के अभ्यास को गंभीरता से लेने लगे थे. उसके फलस्वरूप, मन्ना डे अपने कॉलेज के दिनों के दौरान, कई गायन प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की थी.

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अगर आपको नही पता तो बता दे कि मन्ना डे ने वर्ष 1942 में गाने से अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने अपने चाचा के साथ सहायक संगीत निर्देशक के रूप में काम करना शुरू किया, उसके बाद मन्ना डे को प्रसिद्ध संगीतकार एस. डी. बर्मन के साथ भी काम करने का मौका मिला. कुछ और दिनों तक काम करने के बाद जल्द ही मन्ना डे हिंदी फिल्मों में संगीत निर्देशन का काम करने लगे थे. हालांकि, अब उनकी उत्कृष्टता की इच्छा पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो चुकी थी और इसलिए उन्होंने शास्त्रीय हिन्दुस्तानी संगीत के लिए प्रसिद्ध उस्ताद अब्दुल रहमान खान और उस्ताद अमन अली खान से अभ्यास लेना शुरू किया.

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