नई दिल्ली : केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि नये सेना प्रमुख की नियुक्ति में सरकार से देरी जरूर हुई है लेकिन नियमों या प्रक्रिया में अव्हेलना नहीं की गई है। बताया गया है कि सेना प्रमुख नियुक्ति के मामले में सरकार को विवाद का सामना करना पड़ा था।
रक्षा मंत्री का कहना है कि नये सेना प्रमुख के रूप में जितने भी नाम सामने थे वे न केवल सभी योग्य थे वहीं नियमों पर भी खरे उतर रहे थे यही कारण रहा कि हमें नाम चयन में देरी हो गई है। उन्होंने अपने दो वर्षीय काम-काज को भी बेहतर बताया और कहा कि दो वर्षों के दौरान रक्षा विभाग ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधन किया है।
पर्रिकर ने सैनिकों को ओआरओपी के तहत पेंशन देने और अन्य सुविधाएं भी देने की बात कही है वही उन्होंने यह भी कहा कि सेना के पास न तो बुलेट प्रूफ जैकेट की कमी है और न ही हथियारों की। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि हमने सेना को इस बात की भी छूट दे रखी है कि यदि उसे हथियारों की कमी है तो वह अपने स्तर पर हथियार खरीद सकती है।
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