फिल्म गली गुलियां में मानसिक रूप से एक बीमार शख़्स का रोल अदा करने के बाद अभिनेता मनोज बाजपेयी एक बार फिर बेहद चैलेंजिंग रोल में नजर आने वाले हैं और मनोज इस फिल्म में एक जीनियस इंसान का किरदार अदा करने जा रहे हैं. जिसे कि दहीरे-धीरे लोग भुलाने लगते हैं और इस वजह से इस शख्स का मानसिक संतुलन बिगड़ने लगता है. ख़ास बात यह है कि इस पर या इस फिल्म के तहत मेंटल हेल्थ पर भी बात करने की कोशिश है जिसे आज भी देश के ज्यादातर हिस्सों में गंभीरता से नहीं लिया जाता है.
जानकारी के मुताबिक़, इस फिल्म का डायरेक्शन अपूर्व असरानी करेंगे और वे अपनी एडिटिंग के लिए नेशनल अवॉर्ड भी जीत चुके हैं और इसके अलावा वे मनोज के साथ कुछ फिल्मों में पहले भी अपना लोहा मनवा चुके हैं. वहीं अपूर्व ने मनोज की फिल्म सत्या की एडिटिंग की थी तो वहीं उन्होंने उनकी फिल्म अलीगढ़ के लिए स्क्रीनप्ले लिखा था.
गौरतलब है कि अपूर्व असरानी ने मनोज को 1998 में ही अपनी इस फिल्म के फिल्म के लिए साइन कर लिया था. बता दें कि जब मनोज बाजपेयी ‘सत्या’ में काम कर रहे थे, तभी उन्होंने अपूर्व को एडिटिंग करते हुए देखाऔर इसे देखने के बाद उन्होंने अपूर्व को डायरेक्शन में जाने के लिए कहा था. अपूर्व बताते हैं कि मनोज वो पहले आदमी थे, जिन्होंने उन्हें डायरेक्टर बनने के लिए प्रेरित किया. उस समय अपूर्व ने एक टिशू उठाया और मनोज को यह लिखकर दिया कि उनकी बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म में उन्हें ही काम करना होगा. उस समय अपूर्व ने मनोज को एक रुपए की फीस दी थी.
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