मुंबई: मराठा आरक्षण की जंग लड़ने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने अपना अनशन रद्द कर दिया है. दरअसल मराठा समुदाय को आरक्षण प्राप्त होने की मांग को लेकर मनोज जरांगे अंतरवाली सराती में 8 जून से भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे. मनोज जरांगे पाटिल से सरकार के शिष्टमंडल मंडल ने मुलाकात की है. जिसमें संदीपान भूमरे, संभुराजे देसाई सम्मिलित थे. अनशन उन्होंने ऐसे समय में स्थगित किया है जब कुछ दिन पहले ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी.
मनोज जरांगे ने 8 जून को अपनी भूख हड़ताल आरम्भ की थी. अंतरवाली सराती में तैनात चिकित्सकों की एक टीम ने उनसे उपचार करने का अनुरोध किया था. हालांकि, मनोज जरांगे पाटिल ने उपचार कराने से मना कर दिया है. अनशन स्थगित करने के पश्चात् मनोज जरांगे ने सरकार को अल्टीमेटम भी दे दिया है. मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार को एक महीने का समय दिया है. पाटिल ने कहा कि सरकार ने यदि 1 महीने में काम नही किया तो, सीधे विधानसभा के चुनाव में उतरूंगा. यानी सरकार के पास 13 जुलाई तक का समय है कि वो मनोज जरांगे की मांगें मान लें.
जरांगे पाटिल से मुलाकात के पश्चात मंत्री संभुराजे देसाई ने कहा कि जरांगे की लड़ाई के कारण मराठाओं को 10 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त हुआ है. मंत्री ने कहा कि वो 14 जून यानी शुक्रवार को अफसरों की बैठक बुलाएंगे. मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल के अनशन एवं महाराष्ट्र सरकार के संज्ञान नहीं लेने पर नासिक में मराठा समाज ने नाराजगी व्यक्त की थी. मराठा समाज ने मांग की थी कि शरद पवार को इस सिलसिले में पहल करनी चाहिए. मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन के सिलसिले में नासिक में संपूर्ण मराठा समाज की बैठक भी आयोजित हुई थी जिसमें शरद पवार से ध्यान देने की मांग की गई.
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