नई दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे 29वें थल सेना अध्यक्ष होंगे और वह 30 अप्रैल को जनरल एम. एम. नरवणे के रिटायर होने के बाद उनकी जगह लेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अभी इंडियन आर्मी के उप-प्रमुख हैं. वह ‘कोर ऑफ इंजीनियर’ के पहले अधिकारी होंगे, जो थल सेना के अध्यक्ष बनेंगे. इससे पहले पैदल सेना, तोपखाना और बख्तरबंद रेजिमेंट के अधिकारी ही 13 लाख कर्मियों वाली इंडियन आर्मी के अध्यक्ष बनते रहे हैं. रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में बताया है कि, 'सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को अगला सेनाध्यक्ष नियुक्त किया है और उनकी नियुक्ति 30 अप्रैल दोपहर से प्रभावी होगी.'
सरकार द्वारा पांडे को शीर्ष पद पर नियुक्त करने में वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन किया गया है, क्योंकि वह जनरल नरवणे के बाद आर्मी में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं. एक फरवरी को थल सेना का उप-प्रमुख बनने से पहले वह इंडियन आर्मी की पूर्वी कमान की अगुवाई कर रहे थे. इस कमान पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टरों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की रक्षा का जिम्मा है. अधिकारियों ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति ने लेफ्टिनेंट जनरल पांडे को अगला थल सेना प्रमुख नियुक्त करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी.
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे सेना की कमान ऐसे वक़्त में संभाल रहे हैं, जब सरकार असंख्य सुरक्षा चुनौतियों से असरदार ढंग से निपटने के लिए थिएटर कमान की स्थापना के जरिए तीनों सेनाओं के एकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है. थिएटर कमान की योजना को भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा था. उनकी गत दिसंबर में एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी. सरकार ने अभी तक जनरल रावत के उत्तराधिकारी की नियुक्ति नहीं की है. माना जा रहा है कि कि जनरल नरवणे इस पद के दावेदारों में से एक हो सकते हैं, क्योंकि रक्षा प्रतिष्ठान में एक आम राय है कि यह पद आर्मी के एक अधिकारी को दिया जाना चाहिए.
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