नई दिल्ली: मार्च में देश की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुस्ती देखने को मिली है। पूरे माह के दौरान सेक्टर की रफ्तार बीते चार महीनों में सबसे धीमी रही। हालांकि इसमें अभी गिरावट देखने को नहीं मिली है। एक सर्वेक्षण के अनुसार कोरोना वायरस की वजह से विश्व भर में आर्थिक गतिविधियां धीमी पड़ी हैं, जिसका असर भारत में भी नज़र आया है।
IHS मार्केट भारत विनिर्माण पीएमआई मार्च में टूटकर 51.8 हो गया, जो फरवरी में 54.5 था। नवंबर 2019 के बाद से सेक्टर में बढ़त की ये सबसे धीमी रफ्तार है। हालांकि अभी भी सेक्टर में गिरावट देखने को नहीं मिली है। सर्वे के अनुसार 50 से ऊपर का आंकड़ा ग्रोथ दर्शाता है। यह लगातार 32वां महीना है, जब मैन्युफैक्चरिंग PMI 50 अंकों के निशान से ऊपर बरक़रार है।
इस सूचकांक में 50 से ज्यादा अंक गतिविधियों में बढ़ोतरी को प्रदर्शित है, जबकि इससे कम गिरावट को दर्शाता है। सर्वेक्षण के मुताबिक, 12 महीने के कारोबारी दृष्टिकोण के लिहाज से मार्च महीने के लिए सेंटीमेंट्स कमजोर हुए हैं। सर्वे में शामिल कुछ जानकारों ने माना हैं कि कोरोना वायरस और इसके कारण मांग पर नकारात्मक प्रभाव लंबे समय तक बने रहने के आसार है।
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