जयपुर: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मनमुटाव के चलते भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए मानवेंद्र सिंह अब लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए हैं. वे बाड़मेर से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं. हालांकि झालरापाटन में वसुंधरा राजे के सामने चुनाव हारने से उनकी राजनितिक स्थिति कुछ कमजोर जरूर हुई है लेकिन बाड़मेर-जैसलमेर के क्षेत्र में उनका प्रभाव बरक़रार है. इन दोनों जिलों में भाजपा ने नौ में से आठ सीटें हारी हैं, इसीलिए मानवेंद्र इसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं.
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भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह चुनाव से ठीक पहले राजपूत स्वाभिमान की बात करते हुए भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. जब वे कांग्रेस में शामिल हुए थे तो उन्होंने कहा था कि वे बिना किसी शर्त के कांग्रेस में आ गए हैं और उनके परिवार से कोई भी अन्य विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगा. हालांकि इस बात की चर्चा की जा रही थी कि वे स्वयं लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे और उनकी पत्नी चित्रा सिंह विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी.
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किन्तु इसी बीच, कांग्रेस ने एक बड़ा गेम खेला और मानवेंद्र सिंह को बाड़मेर से झालावाड़ भेजकर झालरापाटन विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव में खड़ा कर दिया. इसके लिए मानवेंद्र मानसिक रूप से तैयार नहीं थे लेकिन फिर भी चुनाव लड़ा और हार गए. इस हार से पार्टी में उनकी स्थिति भी कमजोर हो गई, लेकिन बाड़मेर-जैसलमेर के चुनाव नतीजे बता रहे हैं कि इस क्षेत्र में उनका प्रभाव अब भी है.
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