शुक्रवार को हिन्दू पंचांग में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह हफ्ते के छठे दिन के रूप में आता है और हमारी संस्कृति और परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। शुक्रवार शुक्र ग्रह (वीनस) के समर्पित होता है और इसे आदित्य देवता सूर्य की सहायता से आचरण किया जाता है।
शुक्रवार के नाम का उद्गम संस्कृत शब्द "शुक्र" से हुआ है, जिसका अर्थ होता है "सुख" या "आनंद"। इस दिन को लोग शुभ और अनुकूल मानते हैं और इस दिन शुभ कार्यों को करने को प्राथमिकता देते हैं।
शुक्रवार को वीनस देवता के आराधना का दिन माना जाता है। वीनस देवता प्रेम, सौंदर्य, कला, संगीत, समृद्धि और सुख के प्रतीक हैं। इस दिन लोग वीनस देवता की पूजा, अर्चना और उपासना करते हैं ताकि उनके जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि की वृद्धि हो।
शुक्रवार को लोग विशेष रूप से वीनस देवता के गान, नृत्य और संगीत के प्रदर्शन के माध्यम से मनाते हैं। इस दिन लोग परिवार में आपसी प्रेम और सौभाग्य का आदान-प्रदान करते हैं और शुभारंभ करने के लिए उत्साह और धन्यवाद व्यक्त करते हैं।
शुक्रवार को माता लक्ष्मी का विशेष प्रकट होने का दिन माना जाता है। मान्यता है कि शुक्रवार को लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त होती है और वे धन, समृद्धि और खुशहाली की वर्षा करती हैं।
शुक्रवार के दिन भगवान विष्णु की अवतार वीरोचनी की पूजा भी की जाती है। इस दिन श्रीविष्णु और लक्ष्मी देवी की कृपा प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
यह है शुक्रवार का इतिहास और महत्व, जो हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
शुक्रवार के दिन कई ऐसे भयानक घटनाएं घटी हैं, जो इतिहास में दर्ज हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे घटनाक्रमों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं:
भोपाल गैस त्रासदी (1984): 2 दिसंबर 1984 को शुक्रवार के दिन, मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में एक नैसर्गिक आपदा घटी, जिसमें यूनियन कारबाइड कंपनी की प्लांट से गैस बह गई। इस आपदा में हजारों लोगों की मौत हो गई और बहुत सारे लोग अस्थायी या स्थायी रूप से विकलांग हो गए। यह भारत के इतिहास की सबसे भयानक और अभिशापद घटनाओं में से एक है।
हिमाचल प्रदेश यात्रा दुर्घटना (2019): 20 सितंबर 2019 को शुक्रवार के दिन, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक बस दुर्घटनाग्रस्त हुई। इस दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। यह एक दुखद और भयानक घटना थी, जिसने देशभर में शोक और आहति की भावना पैदा की।
मुंबई आतंकी हमले (2008): 26 नवंबर 2008 को शुक्रवार के दिन, मुंबई शहर में दस आतंकवादी ने समूहिक आतंकवादी हमले किए। इस हमले में एक सप्ताह तक लोगों की जिंदगियां खतरे में रहीं और कई लोगों की मौत हो गई। यह घटना देशभर में आश्चर्य और शोक का कारण बनी।