नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में भारत और अमेरिका के रिश्तों पर अपने विचार साझा किए। मुंबई में आयोजित आदित्य बिड़ला छात्रवृत्ति कार्यक्रम के 25वें साल के समारोह में उन्होंने कहा कि कई देश अमेरिका को लेकर घबराए हुए हैं, लेकिन भारत उनमें से नहीं है। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत को अमेरिका के साथ अपने संबंधों पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने बताया कि जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीता था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके कॉल का जवाब देने वाले शुरुआती तीन नेताओं में शामिल थे। यह दिखाता है कि मोदी ने अमेरिका के विभिन्न राष्ट्रपतियों के साथ मजबूत संबंध बनाए हैं। जयशंकर ने कहा कि दुनिया भारत की सफलता को देखकर उसे सराह रही है। उन्होंने बताया कि अब भारत की विदेश नीति का फोकस न केवल सुरक्षा बल्कि आर्थिक विकास पर भी है। भारत अब आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने कहा कि अब देशों को केवल सैन्य शक्ति या राजनीतिक प्रभाव से नहीं आंका जाता बल्कि उनकी तकनीकी क्षमताओं, आर्थिक स्थिरता, मानवीय रचनात्मकता और समाज के कल्याण से भी मापा जाता है।
बदलते वैश्विक परिदृश्य पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि वर्तमान समय में सेवाओं की मांग बढ़ रही है, और इससे भारत के लिए अवसर खुल रहे हैं। एक शिक्षित, कुशल और आत्मविश्वासी भारतीय युवा पीढ़ी के पास पहले से अधिक अवसर होंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न विदेशी सरकारों और कंपनियों से बातचीत में भारतीय प्रतिभाओं के प्रति रुचि एक प्रमुख विषय बनकर सामने आई है, जो भारत की वैश्विक स्तर पर बढ़ती पहचान को दर्शाता है।
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