नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद इसकी वैक्सीन पर काम जारी है. भारत में 16 तारीख से टीकाकरण का काम शुरू भी हो जाएगा. पिछले एक सप्ताह में चीन की सिनोवैक द्वारा बनाई गई कोरोना वायरस की वैक्सीन 'कोरोना वैक' औंधे मुंह गिरा. जिन देशों ने इसे मंगवाने के लिए आर्डर दिए थे, उन्होंने आर्डर कैंसिल करना शुरू कर दिये हैं. इस बीच जहां भारत में तैयार हुई कोविड वैक्सीन की मांग दुनियाभर में बढ़ने लगी है, उसे वैक्सीन के मामले में विश्व की सबसे बड़ी ताकत के रूप में ना सिर्फ स्वीकार कर लिया गया है, बल्कि चीन के अखबार और वैज्ञानिक अब खुद मान रहे हैं कि भारत वैक्सीन के मामले में उनसे आगे है.
ब्राजील अब तक चीन की कोरोना वैक्सीन का उपयोग कर रहा था, किन्तु अब वो चाहता है भारत उसको कोविड वैक्सीन कोविशील्ड पहुंचाए. विश्व के कई देश कोविशील्ड मंगाने का आर्डर दे चुके हैं. एक दर्जन से अधिक देश पूरी तरह से देश में निर्मित भारत बॉयोटेक की वैक्सीन कोवाक्सिन खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं.
दुनियाभर में कई देशों का मीडिया वैक्सीन क्षेत्र में भारत का लोहा मान रहा है. जहां हर कोई मान रहा है कि वैक्सीन निर्माण में भारत विश्व में अव्वल है, वहीं चीन के विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि भारत का सीरम इंस्टीट्यूट बहुत मेच्योरी और गुणवत्ता के साथ वैक्सीन तैयार करता है. उसकी उत्पादन क्षमता भी जबरदस्त है.
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