नई दिल्ली: कभी सरकारी एयरलाइन रहने के दौरान एअर इंडिया (Air India) लेट-लतीफी और खराब सर्विस के लिए बदनाम थी. लेकिन अब यह एयरलाइन्स लगभग 70 वर्षों के अंतराल के बाद वापस टाटा समूह (Tata Group) के हाथों में जा चुकी है और इसके बाद से कंपनी की सर्विस में निरंतर सुधार हो रहा है. कंपनी की बदलती छवि का एक प्रभाव पिछले हफ्ते एयरलाइन इंडस्ट्री (Airline Industry) में स्पष्ट देखने को मिला है. एअर इंडिया में नौकरी करने की होड़ के कारण शनिवार को इंडिगो (Indigo) की आधी से अधिक उड़ानें लेट हो गईं.
दरअसल, Indigo के अधिकतर कर्मचारी अचानक से सिक लीव पर चले गए, इस वजह से एयरलाइन की लगभग 55 फीसदी उड़ानें लेट हो गईं. सिविल एविएशन डेटा के मुताबिक, 02 जुलाई को Indigo की 900 से अधिक उड़ानें लेट हो गईं. देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो हर दिन लगभग 1600 उड़ानों का परिचालन करती हैं. मीडिया रिपोर्ट ने एयरलाइन सेक्टर के सूत्रों के हवाले से बताया है कि अचानक आए इस व्यवधान की वजह एअर इंडिया में चल रही भर्ती है. एअर इंडिया में कई सेंटर्स पर विभिन्न पदों के लिए इंटरव्यू लिए जा रहे हैं. इंडिगो के अधिकतर स्टाफ एअर इंडिया का इंटरव्यू देने के लिए छुट्टी पर गए हुए थे.
डाइरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन अरुण कुमार ने मीडिया को जानकारी दी है कि इंडिगो से इस संबंध में सफाई मांगी गई है. उन्होंने कहा कि, 'हम इस मामले को देख रहे हैं. जब हमारे पास और जानकारियां होंगी, हम तभी कुछ भी कंफर्म कर सकेंगे.' इस बारे में जब इंडिगो को सवाल भेजे गए तो उनका कोई जवाब नहीं मिला. शनिवार को विभिन्न एयरलाइनों की ऑन-टाइम परफॉरमेंस (OTP) की बात करें, तो एयर एशिया इंडिया के मामले में यह (Air Asia India) 98.3 प्रतिशत, गोफर्स्ट (Go First) के मामले में 88 प्रतिशत, विस्तार (Vistara) के मामले में 86.3 प्रतिशत, स्पाइसजेट (Spice Jet) 80.4 प्रतिशत और एअर इंडिया (Air India) 77.1 प्रतिशत रहा था. इसमें सबसे नीचे Indigo थी, जिसका ऑनटाइम परफॉरमेंस 45.2 प्रतिशत रहा था.
बता दें कि लगभग 69 वर्षों तक सरकार के नियंत्रण में रहने के बाद एअर इंडिया वापस टाटा के हाथों में चली गई है. हाल ही में सिंगापुर एयरलाइंस की किफायती विमानन सेवा इकाई स्कूट के पूर्व CEO कैम्पबेल विल्सन को एअर इंडिया ने हायर किया है. उनकी नियुक्ति के बाद से एयरलाइन में भर्ती की प्रक्रिया तेज हो गई है. दूसरी ओर भारत की सबसे सफल विमानन कंपनियों में से एक Indigo को हालिया समय में कर्मचारियों की नाराजगी झेलना पड़ी है. बता दें कि, एयर इंडिया के विनिवेश के समय विपक्ष ने मोदी सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया था, लेकिन आज वो फैसला सही साबित हुआ है और किसी समय में बड़े घाटे से जूझ रही एयर इंडिया में जाने के लिए आज लोग दूसरी एयरलाइन्स छोड़ने के लिए भी तैयार हैं.
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