अमृतसर: खालिस्तान रेफरेंडम को 'पाखंड' करार दिया जा रहा है। ब्रिटेन में रहने वाले पूर्व खालिस्तानी नेता जसवंत सिंह ठेकेदार ने 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सरकारी इमारतों पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारों को लेकर भी विरोध जताया है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाए हैं कि कुछ लोग, पाकिस्तान सरकार के इशारों पर काम कर रहे हैं।
मीडिया से बात करते हुए दल खालसा के संस्थापक जसवंत सिंह ठेकेदार ने बताया कि पाकिस्तान ही खालिस्तान का असली दुश्मन है। उन्होंने कहा कि, 'जिस रेफरेंडम के बारे में आप बात कर रहे हैं, उसके बारे में पंजाब में कोई नहीं मानता। एक संगठन 2020 है, जो ISI के इशारों पर रेफरेंडम की बात करता है।' उन्होंने कहा कि, 'यदि भारतीय पासपोर्ट धारक या भारतीय नागरिक इसकी मांग करते हैं, तो समझ में आता है। लेकिन, इस पर कनाडा, अमेरिका या ब्रिटेन के नागरिक मतदान नहीं कर सकते। उनके पास कोई अधिकार नहीं है।' जसवंत ठेकेदार ने कहा कि, 'यह लोगों को गुमराह करने के लिए पाखंड है। लोग इसे उनके लिए कमाई का माध्यम मान रहे हैं।'
गत वर्ष अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को स्थित कॉन्सुलेट की दीवारों पर लिखे गए खालिस्तानी नारों का भी ठेकेदार ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि, 'कॉन्सुलेट के भवन पर यह लिखना सही नहीं है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। पिछले 40 वर्षों के आंदोलन के दौरान ऐसा नहीं हुआ। जैसे की मैंने कहा कि इसमें ISI की भूमिका है। वे सिखों को गुमराह कर रहे हैं, लोगों को भर्ती कर रहे हैं और ये काम करा रहे हैं। इसमें सिखों का कोई हाथ नहीं है।'
बातचीत के दौरान ठेकेदार ने खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह पर भी सवाल उठाए। बता दें कि, हाल ही में सिंह के समर्थक अजनाला पुलिस स्टेशन में घुस गए थे और पुलिस के साथ मारपीट की थी। इस घटना के चलते बड़ा सियासी हंगामा मचा था। ठेकेदार ने कहा कि, 'वह (अमृतपाल सिंह) खुद जब दुबई में था, तो क्लीन शेव रहता था। वह पारंपरिक सिख नहीं है। वह सिख इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानता। मैं यह भी कहूंगा कि उसके जैसे कई अमृतपाल आएंगे, क्योंकि जिनका इस्तेमाल ISI ने कर लिया, उनका इस्तेमाल जीवनभर नहीं किया जाएगा। जब उन्हें लगता है कि व्यक्ति अब किसी काम का नहीं है, तो दूसरों को तलाशते हैं।'
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