गुरुवार की देर रात्रि केरल से रिजर्व कर 47 प्रवासी मजदूर दुमका पहुंच गए है. इनमें गुमला, हंसडीहा एवं दुमका के मजदूर सवार थे. सभी मजदूर निजी बस पड़ाव के समीप उतर रहे थे. इस दौरान एसडीओ महेश्वरी महतो एवं एसडीपीओ नूर मुस्ताफा अंसारी देर रात्रि को बस पड़ाव की तरफ से गुजर रहे थे.
इसके बाद प्रवासी मजदूरों से भरी बस को देखकर दोनों अधिकारी वहां थम गए और फिर पूछताछ की तो ये पता चला कि सभी प्रवासी मजदूर केरल से बस के जरिए दुमका आए है. वहीं, बस ड्राइवर के पास कोई भी ई-पास मौजूद नहीं था.
इस संबंध में एसडीओ ने बताया है कि बस का ड्राइवर सभी मजदूरों को दुमका में ही उतार कर भागने की कोशिश में था. लेकिन बस पर जैसे ही ध्यान गया तो सभी को पहले महिला पॉलिटेक्नीक क्वारंटाइन केंद्र में क्वारंटाइन कर दिया गया. उन्होंने आगे बोला कि बाहर के मजदूर अगर अपने घर जाना चाहते है तो उन्हें इस बात के लिए रोका नहीं जाएगा. वे बिलकुल जा सकते है. एसडीओ ने बोला है कि पश्चिम बंगाल के चेकपोस्ट में बस की जांच नहीं की गई है. वहीं, अब चेकपोस्ट में तैनात दंडाधिकारी से स्पष्टीकरण किया जाएगा. स्पष्टीकरण का जवाब संतोषप्रद नहीं होने पर संबंधित दंडाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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