'हमारी कई संपत्ति राज्य और केंद्र सरकार के नियंत्रण में, मुसलमान सड़कों पर उतरेगा और..', वक्फ एक्ट पर मौलाना रशीदी ने दी धमकी

'हमारी कई संपत्ति राज्य और केंद्र सरकार के नियंत्रण में, मुसलमान सड़कों पर उतरेगा और..', वक्फ एक्ट पर मौलाना रशीदी ने दी धमकी
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नई दिल्ली: भारत सरकार, कांग्रेस द्वारा बनाए गए वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करने की योजना बना रही है। 40 से अधिक संशोधन वाले इस विधेयक को आज सोमवार (5 अगस्त) को लोकसभा में पेश किया जाना था। उल्लेखनीय है कि इसके मसौदे पर शुक्रवार 2 अगस्त को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दे दी थी। संशोधन विधेयक में क़ानून के कई प्रावधानों को निरस्त करने का प्रस्ताव है। 
 
सत्तारूढ़ भाजपा का कहना है कि संशोधन मुस्लिम समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांग का प्रतिनिधित्व करते हैं, क्योंकि विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्डों के किसी भी भूमि को अपना घोषित करने के असीमित अधिकारों को सीमित करना है। इसके विपरीत, विपक्ष का दावा है कि यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश में उपचुनावों और हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ कमाने के लिए की गई है। वामपंथी इस्लामिस्ट समुदाय ने भी इस मुद्दे पर सरकार और हिंदुओं को निशाना बनाना और धमकाना शुरू कर दिया है। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि मुसलमान अब सड़कों पर उतरेंगे और अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।  

मौलाना रशीदी ने कहा कि, "भाजपा एक के बाद एक विभाजनकारी मुद्दे लाकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। राम मंदिर के बाद, उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर बनाम ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर बनाम ईदगाह जैसे नए विभाजनकारी मुद्दे खोज निकाले हैं।" उन्होंने कहा कि, "जिस तरह किसानों ने अपनी जान देकर तीन कानूनों को निरस्त करवाया था, उसी तरह अब मुसलमान सड़कों पर उतरेंगे और संवैधानिक रूप से अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।"

रशीदी बोले कि वक्फ को समझना बहुत जरूरी है। मुस्लिम समुदाय के हित में ही सरकार ने संवैधानिक रूप से मुसलमानों को वक्फ का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा, "फिलहाल मुसलमान चुप हैं। हमारी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा राज्य और केंद्रीय सरकारों के स्वामित्व में है। उन्हें (प्रशासन को) चिंता है कि अगर मुसलमान अपने अधिकारों की मांग करने लगे तो चीजें बदल जाएंगी।" उन्होंने आगे कहा कि, "जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से वह केवल मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए बिल ला रही है। महंगाई और रोजगार के बारे में कोई बात नहीं हो रही है। जिन हिंदुओं ने भाजपा को वोट दिया है, उन्हें भी सोचना होगा कि इस सरकार ने हमारे लिए क्या किया है।"

हालाँकि, प्रमुख शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने संशोधनों का स्वागत किया और कहा कि कानून में बदलाव से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी, साथ ही भ्रष्टाचार खत्म होगा और ऐसी संपत्तियों की आय में भी इजाफा होगा।

पहले भी धमकियां दे चुके हैं मौलाना रशीदी :-

बात दें कि यह पहली बार नहीं है जब मौलाना साजिद रशीदी ने देश में हिंदुओं और सरकार के खिलाफ हिंसा की धमकी दी है। हिंदू धर्म का अपमान करने और विभिन्न अवसरों पर सरकार पर निशाना साधने का उनका इतिहास रहा है। वर्ष 2022 में रशीदी ने सरकार को धमकी दी थी कि अगर सरकार ने निजी मदरसों को छूने की हिम्मत की तो भारत जल उठेगा। यह धमकी तब दी गई जब उत्तराखंड सरकार ने राज्य में मदरसों के आधुनिकीकरण का फैसला किया था। उन्होंने कहा था कि "हम आपको हमारे निजी मदरसों में कुछ भी करने की अनुमति नहीं देंगे। क्योंकि भारतीय मुसलमान निजी मदरसों से 4% बच्चों को मौलवी और मौलाना बनने के लिए रखते हैं, अगर वे उस 4% मदरसों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करते हैं, तो सभी भारतीय मुसलमान इसका विरोध करेंगे। हम उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे। निजी मदरसों को मत छुओ, नहीं तो भारत जल उठेगा।"

यही नहीं, जब यूपी सरकार ने मदरसों का सर्वे करने का आदेश दिया, तब रशीदी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से सरकारी अधिकारियों का स्वागत चप्पल-जूते से करने को कहा था। रशीदी ने मदरसा अधिकारियों से अपील की  कि वे राज्य के सर्वेक्षण अधिकारियों का चप्पल-जूते से स्वागत करें।

अगस्त 2020 में रशीदी पर अयोध्या में राम मंदिर को ध्वस्त करने के लिए मुसलमानों को भड़काने का मामला दर्ज किया गया था।  उन्होंने कहा था कि, “मुसलमान आज चुप हैं। लेकिन मेरे बच्चे... मेरा बेटा, उसका बेटा, उसका पोता... लेकिन 50-100 साल बाद वे इतिहास से सीखेंगे कि हमारी मस्जिद को तोड़कर मंदिर में बदल दिया गया था। उस समय कोई मुस्लिम जज, मुस्लिम शासक या मुस्लिम सरकार सत्ता में आ सकती है। इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि क्या बदलाव होंगे... तो, उस इतिहास के आधार पर, क्या इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई जाएगी? निश्चित रूप से बनाई जाएगी।”

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