कोलकाता: लॉकडाउन के कारण पश्चिम बंगाल से गुजरने वाले नेशनल और स्टेट हाइवे पर हजारों ट्रक चालक फंस गए हैं. लॉकडाउन का आज छठा दिन है और इन लोगों के सामने अब भूखों मरने की नौबत आ रही है. इतने दिनों के बाद अब न तो पैसे बचे हैं न खाना बनाने के लिए सामग्री.
इन ट्रक चालकों के सामने दोहरी समस्या है. एक तरफ ट्रक में लोड सामान के खराब होने का खतरा है, दूसरी तरफ खुद का गुजारा बेहद कठिनाई से हो रहा है. 57 वर्ष के राकेश राम कोरोना से इस कदर दहशर में हैं कि ट्रक के भीतर खाना बना रहे हैं. उन्होंने ड्राइविंग सीट के पास की सीट निकाल दी है और इसी थोड़ी सी जगह को उन्होंने रसोई बना दिया है. कई बार बाहर निकलने का प्रयास भी किया तो पुलिस वालों ने रोक दिया.
राकेश राम अपने कई साथी ट्रक चालकों के लिए भोजन बना रहे हैं. ये सभी ड्राइवर यूपी के जौनपुर, इलाहाबाद और वाराणसी के निवासी हैं. अपने पास बचे-खुचे पैसों से जैसे-तैसे कुछ सामान खरीदा और अपनी भूख मिटा रहे हैं. ड्राइवरों का कहना है कि साथ खाना बनाने से पैसा और संसाधन कि बचत होगी. हालांकि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए ये दूरी भी बनाए रहते हैं. उन्होंने कहा कि, "हमारे पास पैसे नहीं हैं, हालात बेहद खराब है, हम किसी प्रकार बस अपना घर जाना चाहते हैं, हमें रोजाना पैसे मिलते हैं. हमारा काम बंद हो गया है, हमें ट्रक के बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है, इसलिए भीतर ही खाना बना रहे हैं."
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