गुमला: बिशुनपुर के रेहलदाग गांव में भाकपा माओवादियों ने शादी के दिन ही जेजेएमपी के एरिया कमांडर रंजीत उरांव को मौत के घाट उतार डाला। बुधवार को देवाकी मंदिर में उसकी तीसरी शादी होने वाली है। इसी सिलसिले में वह अपने सास-ससुर को लाने गांव गया था। वहां पहले से ही माओवादी मौजूद थे।
मौत के 24 घंटे बाद पुलिस वहां पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने बताया कि रंजीत को माओवादी के शीर्ष नेता नकुल यादव व मदन यादव ने मारा। माओवादियों को गुप्त सूचना मिली थी कि रंजीत रेहलदाग गांव जानेवाला है। इस सूचना पर पहले से माओवादी गांव में जुटे थे। बुधवार की सुबह जैसे ही रंजीत वहां पहुंचा, माओवादियों ने उसे घेर लिया।
जब वह भागने की कोशिश करने लगा तो उसे पकड़कर चार गोली मार दी गई। रजीत जेजेएमपी के मुखिया का खास था। जब राजेंद्र ने जेजेएमपी का गटन किया, तो रंजीत भी उसमें शामिल हो गया। इसके बाद से ही वो माओवादियों के निशाने पर आ गया था।
बताया जा रहा है कि रंजीत उरांव बनालात, जोरी, बनारी व आसपास के क्षेत्रों में चलनेवाली छोटी-छोटी योजनाओं से भी लेवी वसूलता था। डोभा निर्माण से भी दो से तीन हजार रुपये प्रति डोभा वसूला है। उसकी करतूत से ग्रामीण परेशान थे।