जालना: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर युवा निरंतर अपनी जान दे रहे हैं. आरक्षण के लिए अब तक एक दर्जन से अधिक युवाओं ने आत्महत्या कर ली है. ताजा महाराष्ट्र के मामला जालना का है, जहां 14 वर्षीय एक लड़की ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली. सुसाइड नोट में उसने मराठा आरक्षण का जिक्र किया था. पुलिस को यह सुसाइड नोट हाथ लगा है. इसमें लिखा है, मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए और मेरे शब्द व्यर्थ नहीं जाने चाहिए. पुलिस ने बताया कि इस नाबालिग लड़की ने बृहस्पतिवार को सोमेश्वर इलाके में अपने घर के एक कमरे में फांसी लगा ली. पता चलने के पश्चात् उसे आनन फानन में नजदीकी चिकित्सालय ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने कहा कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. तहकीकात की जा रही है.
बता दें कि महाराष्ट्र में एक सप्ताह के अंदर खुदखुशी का यह दूसरा मामला है. कुछ दिन पहले नांदेड़ में एक 23 वर्षीय एक युवक ने जहर खाकर अपनी जान दे दी थी. उसने भी सुसाइड नोट में इसका जिक्र किया था. उसने इसमें लिखा था, यह मेरे लिए सरकारी नौकरी का सवाल है. ‘एक मराठा, लाख मराठा’. इस घटना के मामले में भाग्यनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कर तहकीकात आरम्भ की थी.
दरअसल, कुछ दिन पहले मराठा आरक्षण आंदोलन ने हिंसात्मक रूप अख्तियार कर लिया था. प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए थे तथा इसको लेकर कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. मनोज जरांगे पाटील के अनशन आरम्भ करने के बाद से यह आंदोलन और विकराल रूप ले लिया था. जारांगे की भूख हड़ताल के पश्चात् सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने उन मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया, जिससे वे OBC कोटा का लाभ उठा सकें. आपको बता दें कि महाराष्ट्र की 30 प्रतिशत से ज्यादा आबादी वाला मराठा समुदाय शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी रोजगार दोनों में अपने सदस्यों के लिए आरक्षण की वकालत कर रहा है. मनोज जारांगे ने प्रदेश सरकार के लिए 24 दिसंबर तक आरक्षण का ऐलान करने की नई समय सीमा तय की है.
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