पुणे: महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा आश्वासन देने के बाद भी मराठा आंदोलन फिर से सुलग उठा है, इस बार मराठा आंदोलन की लपटों ने पुणे शहर को सबसे ज्यादा नुक्सान पहुँचाया है. पुणे में प्रदर्शनकारियों ने 10 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया है. इसके अलावा पुणे-नासिक राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी प्रदर्शन कर चक्का जाम किया.
मराठा आरक्षण: समर्थन में विधायकों का इस्तीफ़ा
Maharashtra: After conducting a meeting of their MLAs & senior party leaders, Congress has written to Governor Vidyasagar Rao to intervene in the matter of #MarathaReservation and ask the state government to expedite its efforts for providing 16% reservation to Maratha community pic.twitter.com/GtVsfbZkY7
— ANI (@ANI) July 30, 2018
हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने पुणे के चाकन इलाके में धारा 144 लागू कर दी है, जिसके तहत 4 लोगों को एक साथ खड़े होने पर मनाही है. वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस ने अपनी वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की बैठक के बाद राज्यपाल विद्यासागर राव को ज्ञापन सौंपा और कहा कि वह मराठा आरक्षण मामले में हस्तक्षेप करें. कांग्रेस ने मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देने की मांग की है.
थमने का नाम नहीं ले रहा मराठा आंदोलन, सीएम ने बुलाई बैठक
#Maharashtra: Visuals from Pune (Rural) where protests over #MarathaReservation have turned violent, with protestors restoring to burning of tires, vandalising buses and blocking roads. pic.twitter.com/tJA35KDWdP
— ANI (@ANI) July 30, 2018
इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शनिवार को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी. जिसके बाद उन्होंने कहा था कि मराठा आरक्षण पर सभी दलों का एक ही विचार है और हमने इस मामले पर सर्वसम्मति से खड़े होने का फैसला किया है. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने अपने कॉलेजों के खिलाफ जाते हुए कहा था कि जो कॉलेजेस मराठा विद्यार्तियों को फीस या अन्य किसी मुद्दे पर परेशान करना चाहते हैं उनके पंजीकरण निरस्त कर दिए जाएंगे.
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