मुंबई : महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसक रुख अख्तियार कर चुका है. देवेंद्र फडणवीस सरकार इस मुश्किल में है कि मराठाओं को आरक्षण कैसे दिया जाए. सरकार इस मुश्किल में घिरती नज़र आ रही है. इसी बीच सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद से शिवसेना और एनसीपी के एक - एक विधायक ने इन्होने मराठा आरक्षण मांग के समर्थन में सरकार से इस्तीफे की पेशकश कर डाली.
मराठा आरक्षण : आज महाराष्ट्र बंद
आरक्षण की मांग में इस्तीफे की पेशकश करने वाले विधायकों में भाऊसाहेब पाटिल चिकटगांवकर (एनसीपी) और हर्षवर्धन जाधव (शिवसेना) शामिल है. जो क्रमश: कन्नड़ और वैजापुर विधानसभा सीट से प्रतिनिधि हैं. जाधव ने घोषणा की है कि अगर मराठा समुदाय की मांग पूरी नहीं की गई तो वे इस्तीफा दे देंगे. जाधव ने विधानसभाध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े को लिखे एक पत्र में लिखा है कि वह आज दोपहर में अपना इस्तीफा दे रहे हैं.
SATIRE: आरक्षण की राजनीति या राजनीति का आरक्षण
भाऊसाहेब पाटिल चिकटगांवकर ने गोदावरी नदी में कूदकर 23 जुलाई को खुदकुशी करने वाले युवक के समर्थन में कहा कि "मुझे उनकी मौत पर दुख है. मराठों के आत्मसम्मान के बारे में सोचते हुए मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं." बता दें कि राज्य और केंद्र सरकारों में बीजेपी नीत सरकारों की साथी शिवसेना के 288 सदस्यीय सदन में 63 विधायक हैं.
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