मारबर्ग वायरस, जिसे ब्लीडिंग आई वायरस भी कहा जाता है, हाल के समय में स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। अफ्रीका में इसके प्रसार की आशंका जताई जा रही है, विशेष रूप से रवांडा जैसे देशों में जहां यह वायरस पहले ही फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में इस वायरस के बारे में नई जानकारी साझा की है, जिसमें यह बताया गया है कि यह वायरस संक्रमित व्यक्तियों के शरीर में कई सालों तक रह सकता है, यहां तक कि संक्रमित व्यक्ति के रिकवरी के बाद भी। WHO ने कहा कि यह वायरस शरीर के कुछ महत्वपूर्ण अंगों, जैसे गुप्तांग और आंखों में भी मौजूद रह सकता है। इसके कारण वायरस से ठीक हो चुके लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
वायरस का जोखिम
मारबर्ग वायरस एक प्रकार का फाइलोवायरस है जो अत्यधिक संक्रामक होता है और संक्रमित व्यक्ति के रक्त, पसीने, लार, मल, और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है। WHO के अनुसार, यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक संपर्क के माध्यम से फैलता है, खासकर शारीरिक संबंधों से। इसका मतलब है कि एक व्यक्ति जो इस वायरस से संक्रमित है, वह यौन संबंधों के दौरान दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है, भले ही संक्रमित व्यक्ति का रक्त परीक्षण निगेटिव क्यों न हो।
वायरस से रिकवर होने के बाद भी जोखिम
WHO ने यह चेतावनी दी है कि मारबर्ग वायरस से ठीक होने के कई सालों बाद भी यह वायरस शरीर में रह सकता है। यह विशेष रूप से पुरुषों के अंडकोष और आंखों के अंदर के हिस्से में पाया जा सकता है। हालांकि, इस विषय पर अभी तक किए गए अध्ययनों से कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है, लेकिन अन्य फाइलोवायरस के अध्ययन के आधार पर यह संभावना जताई जा रही है कि यह वायरस गर्भवती महिलाओं के प्लेसेंटा, एमनियोटिक फ्लूइड और स्तनपान के दौरान संक्रमित महिला से बच्चे में भी जा सकता है। इस प्रकार के मामलों में वायरस का प्रसार बच्चों तक भी हो सकता है।
शारीरिक और मानसिक समस्याएं
मारबर्ग वायरस से संक्रमित और ठीक हुए व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। WHO का कहना है कि वायरस से रिकवर हुए लोग मानसिक समस्याओं, जैसे चिंता, डिप्रेशन और तनाव का सामना कर सकते हैं। शारीरिक समस्याओं में कमजोरी, दर्द, थकान और अन्य जटिलताएं शामिल हो सकती हैं। इस वजह से, रिकवरी के दौरान और उसके बाद भी इन व्यक्तियों को अपनी सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। WHO ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों से रिकवर हुए मरीजों और उनके साथी को संभावित खतरे के बारे में सूचित करने की अपील की है।
यौन सुरक्षा के लिए उपाय
WHO ने विशेष रूप से यौन रूप से सक्रिय लोगों को मारबर्ग वायरस से संक्रमण के जोखिम को लेकर सचेत किया है। वायरस से ठीक होने के सात सप्ताह बाद तक भी यह सीमन के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। WHO ने यौन रूप से सक्रिय पुरुषों और महिलाओं से अनुरोध किया है कि वे अपनी सेहत का ध्यान रखें और सुरक्षित यौन संबंध बनाएं। कंडोम का उपयोग करने से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। इसके अलावा, डॉक्टरों को रिकवरी के बाद ठीक हो चुके मरीजों को इन सावधानियों के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया गया है।
डब्ल्यूएचओ ने इस बातों का पालन करने की दी हिदायत:-
यौन रूप से सक्रिय पुरुष सावधानी बरतें
मारबर्ग से संरिकवर होने के बाद भी सेहत का ध्यान रखें
डॉक्टर ठीक हो चुके मरीज़ों तथा उसके साथी को संभावित ख़तरे के बारे में सूचित करें
सुरक्षित यौन संबंध बनाएं और कंडोम का इस्तेमाल करें।