नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वोट नहीं देने के फैसले से विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा 'निराश' दिख रहीं हैं। वह पश्चिम बंगाल की CM और TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी को अपना अच्छा दोस्त बताती हैं और उनके इस कदम पर हैरानी भी प्रकट कर रही हैं। एक इंटरव्यू के दौरान अल्वा ने बताया कि ममता उनका फोन तक नहीं उठा रही हैं। बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के लिए शनिवार (6 अगस्त) को वोट डाले जाएंगे।
मीडिया से बात करते हुए अल्वा ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव विपक्षी दलों के लिए भी बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि, 'मैं इस बात से सहमत हूं कि यदि और अधिक पार्टियां साझा उम्मीदवार का समर्थन करतीं, तो यह अधिक संतुष्टि देने वाला होता। मगर, जो भी कारण हों, कुछ विपक्षी दल में शामिल होने को लेकर संकोच कर रहे हैं।' ममता बनर्जी को लेकर उन्होंने कहा कि, 'वह यूथ कांग्रेस के दिनों से मेरी अच्छी मित्र रही हैं। मैंने उनके लिए लड़ा है, समर्थन किया है और हर लड़ाई में उनके साथ रही हूं, जब TMC ने मुझसे दूर रहने का निर्णय लिया, तो मैं हैरान और निराश थी। इस चुनाव में कोई व्हिप नहीं होता और यह एक गुप्त बैलेट होता है। यदि आप व्हिप जारी नहीं कर सकते, तो आप अपने सांसदों को वोट न देने के लिए कैसे कह सकते हैं? यह एक नेगेटिव व्हिप जारी करने जैसा है।'
अल्वा ने TMC के विचार बदलने की उम्मीद जाहिर की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि यह सभी विपक्षी दलों की ओर से भाजपा को चुनौती देने का वक़्त है। सीएम बनर्जी से बात करने को लेकर अल्वा ने कहा कि, 'वह फोन नहीं उठातीं। मैंने उन्हें लिखा है और लोगों ने उनसे बात की है। हमारे सभी फोन टैप हैं, इसलिए बातचीत करने में थोड़ा संकोच होता है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'किन्तु बड़ा सवाल यह है कि भाजपा की मदद करना TMC के लिए कैसे मददगार होगा? ममता सभी भाजपा विरोधी दलों से मुलाकात की कोशिश कर रही हैं, इसलिए मुझे समझ नहीं आ रहा कि वह ऐसा क्यों कर रही हैं।'
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